Prayagraj mahakumbh 2025 | महाकुंभ 2025 में होने वाली विशाल श्रद्धालु भीड़ के बीच, किसी का खो जाना अब चिंता का विषय नहीं रहेगा। मौनी अमावस्या के दौरान हुई एक अनहोनी के बाद, जहां सैकड़ों लोग अपने प्रियजनों से बिछड़ गए, अब इसके समाधान के लिए एक बेहतरीन सरकारी योजना तैयार की गई है। महाकुंभ में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए ऊर्जा विभाग ने एक अनोखी पहल शुरू की है, जिससे बिछड़े लोग आसानी से एक-दूसरे से जुड़ सकेंगे।
कैसे काम करेगा यह नया सिस्टम?
महाकुंभ क्षेत्र में 52,000 से अधिक बिजली के खंभे लगाए गए हैं, जो विशेष तकनीक से लैस हैं। यदि कोई श्रद्धालु महाकुंभ में खो जाता है या मदद की आवश्यकता महसूस करता है, तो उसे नजदीकी बिजली के खंभे पर दिए गए यूनिक नंबर या QR कोड का उपयोग कर प्रशासन से सहायता मिल सकेगी।
यह भी पढ़ें : सनातन धर्म आस्था नहीं, जीवन की कला’- शंकराचार्य निश्चलानंद EXCLUSIVE INTERVIEW
खंभे की विशेषताएँ
- GIS मैपिंग: हर खंभे की लोकेशन डिजिटल रूप से दर्ज की गई है।
- यूनिक नंबर: प्रत्येक खंभे पर एक खास संख्या अंकित है, जिससे उस स्थान की सटीक लोकेशन ट्रैक की जा सकेगी।
- QR कोड: स्मार्टफोन से QR कोड स्कैन करने पर एक ऑनलाइन फॉर्म खुलेगा, जिसमें यात्री अपनी समस्या दर्ज कर सकते हैं।
यह सेवा महाकुंभ में खो जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए बेहद मददगार साबित होगी। प्रशासन और पुलिस को तुरंत सूचना मिल सकेगी और वे त्वरित कार्रवाई कर सकेंगे।
ऊर्जा विभाग की इस पहल से न केवल खोने के दर को कम किया जाएगा, बल्कि श्रद्धालु अपनी यात्रा को सुरक्षित और सुगम बना सकेंगे।
यह भी पढ़ें : महाकुंभ में पुलिस का खौफ! युवक पर डिप्टी एसपी का लाठीचार्ज, वीडियो वायरल