सार

महाकुंभ 2025 में अब श्रद्धालु तीर्थ पुरोहितों को ऑनलाइन दक्षिणा दे सकेंगे। QR कोड स्कैन करके आसानी से भुगतान करें और डिजिटल इंडिया का हिस्सा बनें।

Prayagraj Mahakumbh 2025 । महाकुंभ 2025 अपनी हाईटेक व्यवस्था के लिए चर्चा में है, और अब इसमें शामिल हो गए हैं तीर्थ पुरोहित भी। यदि आप महाकुंभ में स्नान और दर्शन के लिए आ रहे हैं, लेकिन आपके पास घाटों पर बैठे तीर्थ पुरोहितों को देने के लिए नगद दक्षिणा नहीं है, तो कोई बात नहीं! अब आप उनको आसानी से ऑनलाइन पेमेंट कर सकते हैं।

बदलते भारत की बदलती तस्वीर

यह महाकुंभ की बदलती तस्वीर को दर्शाता है, जहां एक समय ऐसा लग रहा था कि ऑनलाइन पेमेंट व्यवस्था केवल डिजिटल दुनिया में ही संभव है, लेकिन आज तीर्थ पुरोहित भी इस सिस्टम का हिस्सा बन चुके हैं। अब आप महाकुंभ के संगम घाट पर बैठे श्रीकांत मिश्र, कंचन तिवारी, प्रमोद तिवारी, बृजेश कुमार पांडे जैसे तीर्थ पुरोहितों को ही देख लीजिए! अपनी दूकान पर QR कोड का इंतेज़ाम कर रखा है ताकि, श्रद्धालु ऑनलाइन पेमेंट कर सकेंऔर उन्हें आसानी से दक्षिणा के रूप में राशि भेज सकते हैं।

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कैसे होता है भुगतान?

यह व्यवस्था बहुत सरल है। तीर्थ पुरोहितों ने अपने पास फोन पर QR कोड का स्कैनर लगा रखा है, जिससे श्रद्धालु आसानी से अपना ऑनलाइन भुगतान कर सकते हैं। यह प्रणाली न केवल सुविधा प्रदान करती है, बल्कि डिजिटल इंडिया की दिशा में एक अहम कदम भी है। महाकुंभ का यह हाईटेक बदलाव दर्शाता है कि कैसे पुरानी परंपराओं और आधुनिक तकनीक का मिश्रण एक नई दिशा में काम कर रहा है, और यह यकीनन भारतीय संस्कृति और आस्था को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा रहा है।

डिजिटल महाकुंभ में पुरोहित भी हाईटेक, अब कैश में दक्षिणा की नो टेंशन

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