प्रेम, पद और धोखे का जाल! प्रयागराज में महिला सिपाही के पति ने CM योगी को लिखी भावुक चिट्ठी, लगाया बड़े अफसर पर पत्नी को फंसाने और धमकाने का आरोप। DGP तक मचा हड़कंप, डीएम ने दिए मजिस्ट्रेट जांच के आदेश। क्या है सच्चाई? पढ़ें पूरा मामला...
Prayagraj constable affair: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने प्रशासनिक गलियारों में खलबली मचा दी है। एक महिला सिपाही के पति ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक भावुक और गंभीर आरोपों से भरी चिट्ठी लिखी है, जिसमें उसने अपनी पत्नी और आबकारी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के बीच 'अनैतिक संबंध' का आरोप लगाया है। यह मामला अब जिले के आला अधिकारियों तक पहुंच चुका है और मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
क्या है पूरा मामला?
प्रयागराज के आबकारी विभाग में कार्यरत एक महिला सिपाही की पोस्टिंग मुख्यालय में है। उसके पति ने 19 जून को जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ को एक पत्र सौंपा, जिसे मुख्यमंत्री योगी को संबोधित किया गया था। इस पत्र में उसने लिखा कि विभाग के एक बड़े अधिकारी ने पद और धन का लालच देकर उसकी पत्नी को अपने वश में कर लिया है।
पति का आरोप: ‘मेरा परिवार बर्बाद हो गया’
पति ने अपने पत्र में लिखा, “मेरी पत्नी अब उस अधिकारी के प्रभाव में है और हमारे बीच की शादीशुदा ज़िंदगी टूटने की कगार पर है।” उसने आरोप लगाया कि विभाग के कई अधिकारी इस रिश्ते के बारे में जानते हैं लेकिन कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है। जब पति ने इस मामले की शिकायत करने की कोशिश की, तो उसे विभाग में किसी भी वरिष्ठ अधिकारी से मिलने नहीं दिया गया।
धमकी और डर: अफसर ने दी जान से मारने की धमकी
पति ने यह भी आरोप लगाया कि जब उसने विरोध जताया, तो आरोपी अधिकारी ने उसे जान से मारने की धमकी दी। इस कारण अब पूरा परिवार मानसिक तनाव और भय में जी रहा है। उसने प्रशासन से यह मांग की है कि उसकी पत्नी और संबंधित अफसर को 500 किलोमीटर दूर अलग-अलग जिलों में स्थानांतरित किया जाए।
प्रशासन ने गंभीरता से लिया मामला
जैसे ही यह मामला जिलाधिकारी रवींंद्र कुमार मॉदड़ के पास पहुंचा, उन्होंने एडीएम सिटी सत्यम मिश्र को इसकी मजिस्ट्रेट जांच सौंपी। अब इस पूरे मामले की तह तक जाकर प्रशासन उचित कार्रवाई की दिशा में बढ़ रहा है। सूत्रों की मानें तो यदि मांगों पर गौर नहीं किया गया तो पति ने आबकारी विभाग के मुख्यालय के सामने आत्महत्या करने की चेतावनी भी दी है।
क्या कहता है यह मामला?
यह घटना न केवल एक परिवार के टूटते रिश्ते की कहानी है, बल्कि यह प्रशासनिक नैतिकता और महिला सशक्तिकरण के दायरे में आने वाले कई सवालों को भी जन्म देती है। प्रशासन को इस मामले को निष्पक्षता से निपटाना चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि आने वाले समय में कोई भी अफसर अपने पद का दुरुपयोग करने की हिम्मत न करे।