90 के दशक की स्टार ममता कुलकर्णी, फिल्मों से अध्यात्म की ओर रुख मोड़ लिया है। किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनकर फिर सुर्खियों में है। विवादों और सवालों के बीच, जानिए उनकी अनोखी कहानी।
अपनी अदाकारी से ज्यादा ग्लैमर के जरिए पहचान बनाने वाली 90 के दशक की मशहूर अभिनेत्री ममता कुलकर्णी एक बार फिर सुर्खियों में है। लंबे समय तक बॉलीवुड और भारत से गायब रहीं ममता कुलकर्णी हाल ही में वापस लौटी हैं। अब वो किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनने के बाद चर्चा और विवादों में है। एक तरफ लोग उनके अध्यात्म की तरफ बढ़ने का स्वागत कर रहे हैं तो दूसरी तरफ डी-कंपनी और ड्रग्स कारोबार से उनके रिश्तों को लेकर सवाल उठा रहे हैं।
ममता कुलकर्णी 90 के दशक में सुनहरे पर्दे पर धूम मचा रहीं थीं। करण अर्जुन, बाजी, वक्त हमारा है और तिरंगा जैसी फिल्मे उन्हें स्टारडम तक ले गईं थीं। लेकिन फिर उनका नाम डी कंपनी से जुड़ा और वो देश छोड़कर चलीं गईं। अब वापस लौटने के कुछ दिनों के भीतर ही उन्होंने प्रयागराज महाकुंभ पहुंचकर किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर की उपाधि ले ली है।
करोड़ों की मालकिन हैं ममता कुलकर्णी
ममता कुलकर्णी ने फिल्मों के जरिए मोटा पैसा भी कमाया और प्रापर्टी में निवेश के जरिए इसे सुरक्षित भी रखा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उनके पास करीब 85 करोड़ रुपए की प्रापर्टी है। उनकी खूबसूरती और बेबाक अंदाज़ ने उन्हें उस समय की सबसे चर्चित अभिनेत्रियों में शामिल किया। लेकिन उनके करियर का ग्राफ जितना तेज़ी से ऊपर गया, उतनी ही तेज़ी से उनकी जिंदगी विवादों में उलझ गई।
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ममता कुलकर्णी का सफर
ममता कुलकर्णी, 90 के दशक की मशहूर बॉलीवुड अभिनेत्री, अपनी अदाकारी और ग्लैमर के लिए जानी जाती हैं। ममता ने 1992 में फिल्म तिरंगा से अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने आशिक आवारा (1993) में अपनी अदाकारी से लोगों का दिल जीत लिया, जिसके लिए उन्हें फ़िल्मफेयर का लक्स न्यू फेस ऑफ द ईयर अवार्ड भी मिला।
उनकी प्रमुख फिल्मों में शामिल हैं: करण अर्जुन (1995): इस ब्लॉकबस्टर फिल्म में उन्होंने सलमान खान के साथ अभिनय किया। सबसे बड़ा खिलाड़ी (1995): अक्षय कुमार के साथ उनकी जोड़ी को सराहा गया। बाजी (1995): आमिर खान के साथ उनकी परफॉर्मेंस को काफी पसंद किया गया। चाइना गेट (1998): फिल्म में उनका गाना "छम्मा छम्मा" सुपरहिट रहा। ममता का करियर बहुत तेज़ी से बुलंदियों पर पहुंचा। उनके फैसले और बोल्ड अंदाज़ ने उन्हें अक्सर सुर्खियों में रखा।
विवाद और गिरता करियर ममता कुलकर्णी का नाम जितना फिल्मों में मशहूर था, उतना ही विवादों से भी जुड़ा रहा। मैगज़ीन कवर पर बोल्ड फोटोशूट: 1993 में एक मैगज़ीन के कवर पर उनकी बोल्ड फोटो ने बवाल मचा दिया। इसे लेकर अदालत तक मामला पहुंचा और ममता पर अश्लीलता फैलाने का आरोप लगा। उस दौर के हिसाब से बहुत से लोगों के ये फोटोशूट शालीनता की सीमाओं का उल्लंघन करता हुआ लगा था।
ड्रग माफिया से जुड़ा था नाम
ड्रग माफिया से जुड़ा नाम ममता का नाम 2016 में एक बड़े ड्रग रैकेट से जोड़ा गया, जिसमें उनके पति विक्की गोस्वामी को मुख्य आरोपी माना गया। इस घटना ने उनके करियर को पूरी तरह खत्म कर दिया। फिल्म इंडस्ट्री से दूरी: 2000 के दशक में ममता ने फिल्म इंडस्ट्री को अलविदा कह दिया और खुद को अध्यात्म की ओर मोड़ लिया। ममता बॉलीवुड छोड़ विदेश में सैटल हो गईं थीं। अध्यात्म का रास्ता फिल्मों और विवादों से दूर ममता ने एक नई जिंदगी शुरू की। उन्होंने अपनी आत्मकथा भी लिखी, जिसमें उन्होंने अपनी जिंदगी और विवादों पर खुलकर बात की। अब वह लाइमलाइट से दूर एक साध्वी की जिंदगी की तरफ आगे बढ़ गई हैं। ममता कुलकर्णी की कहानी एक ऐसी अभिनेत्री की है जिसने अपनी पहचान खुद बनाई लेकिन जिंदगी के उतार-चढ़ावों ने उनके करियर पर गहरा असर डाला। अब देखना ये होगा कि अध्यात्म की दुनिया में बॉलीवुड की ये ग्लैमर्स गर्ल कहां तक जाएगी।