सार

Ulfat Hussain terrorism case: मुरादाबाद में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी उल्फत हुसैन को 10 साल की सजा और ₹48,000 का जुर्माना। 2002 में गिरफ्तार हुआ था, 2008 में फरार हो गया, 2025 में फिर पकड़ा गया।

Hizbul Mujahideen terrorist sentencing: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में आतंक के साए को काटती एक बड़ी कानूनी जीत सामने आई है। ADJ-11 कोर्ट ने हिजबुल मुजाहिदीन के कुख्यात आतंकी उल्फत हुसैन उर्फ मौलाना सैफुल इस्लाम को आतंकवाद के गंभीर अपराधों में दोषी पाते हुए 10 साल की कठोर सजा सुनाई है। कोर्ट ने आरोपी पर ₹48,000 का जुर्माना भी लगाया है।

यह वही आतंकी है जो साल 2002 में मुरादाबाद पुलिस के हत्थे चढ़ा था, लेकिन 2008 में जमानत पर रिहा होते ही फरार हो गया था। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने इनाम तक घोषित कर दिया था।

2002 में हुई थी गिरफ्तारी, भारी मात्रा में मिले थे हथियार और विस्फोटक

कटघर थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक गुप्त सूचना के आधार पर उल्फत और उसके चार साथियों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद हुई पूछताछ में आतंकियों ने भीषण आतंकी साजिश का खुलासा किया था।

पुलिस को निशानदेही पर जो हथियार मिले, वह चौंकाने वाले थे:

  • एक AK-47 और एक AK-56 राइफल
  • दो पिस्टल
  • 12 हैंड ग्रेनेड
  • 29 किलो विस्फोटक सामग्री
  • 50 डेटोनेटर
  • 39 टाइमर
  • 8 मैगजीन
  • 560 जिंदा कारतूस

इन हथियारों की बरामदगी से यह स्पष्ट हुआ कि साजिश किसी बड़े आतंकी हमले की थी।

खुफिया एजेंसियों का दावा: भीड़भाड़ और धार्मिक स्थलों को था निशाना

जांच के दौरान खुफिया एजेंसियों ने खुलासा किया कि उल्फत हुसैन और उसके साथी देश के भीतर धार्मिक स्थलों और भीड़भाड़ वाली जगहों को निशाना बनाने की योजना बना रहे थे। इस आतंकवादी नेटवर्क का उद्देश्य था, अराजकता फैलाना, सांप्रदायिक तनाव पैदा करना और देश की आंतरिक सुरक्षा को चुनौती देना।

2008 में जमानत के बाद हुआ फरार, पुलिस ने रखा था ₹25,000 का इनाम

हालांकि अदालत से मिली जमानत का दुरुपयोग करते हुए 2008 में उल्फत फरार हो गया, जिसके बाद उसे पकड़ने के लिए मुरादाबाद पुलिस और एटीएस लगातार प्रयास कर रहे थे। उसकी गिरफ्तारी पर ₹25,000 का इनाम घोषित किया गया था। मामले में लंबे समय तक सुनवाई चली, लेकिन मुख्य आरोपी की गैरमौजूदगी में मामला अटका रहा।

2025 में पकड़ा गया फिर से, अब कोर्ट ने सुनाई सजा

8 मार्च 2025 को आखिरकार आतंकवाद की फाइल में बंद एक अध्याय फिर खुला, जब यूपी एटीएस और मुरादाबाद पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में उल्फत हुसैन को जम्मू-कश्मीर से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के बाद उसे मुरादाबाद लाया गया और ADJ-11 कोर्ट में पेश किया गया, जहां गवाहों और सबूतों के आधार पर उसे आतंकी गतिविधियों में लिप्त पाया गया।

कोर्ट का स्पष्ट संदेश: देश में आतंक की कोई जगह नहीं

ADJ-11 कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए कोई सहानुभूति नहीं हो सकती। कठोर सजा और आर्थिक जुर्माने के साथ यह संदेश दिया गया कि भारत की न्यायपालिका आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर कायम है।

यह भी पढ़ें: मात-पिता का सपना होगा पूरा, UP सरकार ला रही है सरकारी नौकरी की बहार