Milkipur By election 2025 : अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर बुधवार को मतदान जारी है, और यह उपचुनाव कई राजनीतिक समीकरणों को तय करने वाला साबित हो सकता है। यह सीट समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और मौजूदा अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी। अब इसी सीट को पाने के लिए समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी में कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है।

बेटे के लिए चुनावी मैदान में कूदे अवधेश प्रसाद

सपा सांसद अवधेश प्रसाद खुद लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं, लेकिन अब उनकी कोशिश अपने बेटे अजीत प्रसाद को विधानसभा की कुर्सी तक पहुंचाने की है। दिलचस्प बात यह है कि अवधेश प्रसाद सिर्फ बेटे के प्रचार तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वह धार्मिक आस्था का सहारा भी ले रहे हैं। बुधवार सुबह वह हनुमान चालीसा का पाठ करते हुए नजर आए, जिससे साफ होता है कि यह चुनावी रण सिर्फ रणनीतिक नहीं बल्कि भावनात्मक और धार्मिक आधार पर भी लड़ा जा रहा है।

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बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई

अयोध्या में लोकसभा चुनाव हारने के बाद भारतीय जनता पार्टी के लिए मिल्कीपुर उपचुनाव किसी भी हाल में जीतना जरूरी हो गया है। बीजेपी अपनी हार का बदला लेने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है। खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस सीट को जीतने के लिए पूरी रणनीति बना रखी है और भाजपा प्रत्याशी चंद्रभान पासवान को जिताने के लिए लगातार प्रचार कर रहे हैं।

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8 फरवरी को होगा फैसला

मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव का मामला काफी समय से लटका हुआ था। 2022 में इस सीट से जीतने वाले अवधेश प्रसाद के सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हुई थी। अब आखिरकार उपचुनाव हो रहा है, और इसके नतीजे 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे।

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मुख्य मुकाबला सपा और बीजेपी के बीच

भले ही मिल्कीपुर सीट पर 10 उम्मीदवार मैदान में हैं, लेकिन असली मुकाबला समाजवादी पार्टी के अजीत प्रसाद और भाजपा के चंद्रभान पासवान के बीच ही है। अब सवाल यह है कि क्या सपा अपने मजबूत गढ़ को बचाने में कामयाब होगी या फिर बीजेपी इस हार के जख्म पर मरहम लगाने में सफल रहेगी? इसका फैसला मतदाता ही करेंगे।

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