UP  Monsoon: मेरठ में आखिरकार वो हुआ जिसका लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे थे—बारिश। कई दिनों से उमस और तेज गर्मी से जूझ रहे शहरवासियों के लिए मंगलवार की दोपहर राहत लेकर आई। इंद्रदेव की कृपा हुई और शहर के कई इलाकों में रुक-रुक कर बारिश होती रही। इससे न केवल तापमान में गिरावट आई, बल्कि लोगों को सुकून की सांस भी मिली।

कहां-कहां हुआ जलभराव?

बारिश भले ही राहत बनकर आई हो, लेकिन इसके बाद मेरठ की कुछ पुरानी समस्याएं एक बार फिर सामने आ गईं। जामुन मोहल्ला, बकरी मोहल्ला, हंडिया मोहल्ला जैसे इलाकों में बारिश के कुछ ही देर बाद जलभराव हो गया। सड़कों पर पानी जमा होने से न केवल पैदल चलने वालों को दिक्कत हुई, बल्कि वाहन चालकों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

स्थानीय लोगों ने बताया कि बारिश शुरू होते ही गलियों में पानी भर गया। नगर निगम की जल निकासी व्यवस्था कहीं भी प्रभावी नजर नहीं आई। कीचड़, गड्ढे और बहते पानी के बीच लोगों को अपने घरों या कामकाज की जगह तक पहुंचने में काफी दिक्कतें हुईं।

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मौसम विभाग की चेतावनी

भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान संस्थान, मोदीपुरम के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एम. शमीम ने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मानसून दोबारा सक्रिय हो गया है। मेरठ और आसपास के जिलों में अगले 48 घंटों तक बारिश की संभावना बनी हुई है। बुधवार और गुरुवार को भी मौसम का मिजाज ऐसा ही रहने वाला है।

मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है और बताया है कि गरज और बिजली के साथ तेज बारिश होने की संभावना है। अगले दो दिन बादल छाए रहेंगे और तापमान में गिरावट दर्ज की जा सकती है। अनुमान है कि अधिकतम तापमान 34 डिग्री और न्यूनतम 23 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है।

किसानों के लिए फायदेमंद

बारिश सिर्फ शहरवासियों के लिए ही नहीं, बल्कि किसानों के लिए भी राहत लेकर आई है। खासतौर पर जो किसान धान की बुवाई में लगे हैं, उनके लिए यह वर्षा बेहद फायदेमंद मानी जा रही है। धीरे-धीरे और लगातार हो रही बारिश से मिट्टी में नमी बनी रहेगी, जो फसल के बेहतर विकास के लिए अनुकूल मानी जाती है।

प्रदूषण में आई कमी

एक और सकारात्मक पहलू यह रहा कि बारिश के बाद वायु गुणवत्ता में सुधार देखा गया। धूल और प्रदूषण की परतें कुछ हद तक धुल गई हैं, जिससे वातावरण साफ महसूस हो रहा है। गर्मी से राहत और ताजगी का एहसास लोगों के चेहरे पर साफ देखा जा सकता है।

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