Dr Anjana Singh Sengar Ghazal Book: मॉरीशस के राष्ट्रपति ने ‘यादों की रियासत’ के ज़रिए खोले संवेदनाओं के बंद दरवाज़े! लखनऊ की लेखिका डॉ. अंजना सिंह सेंगर की ग़ज़लें विदेशों में क्यों छा गईं? जानिए उस रचना की गहराई जिसने पार कर दी सरहदें। 

Global Recognition for Indian Poetry: विश्व हिंदी सचिवालय, मॉरीशस में संगीत दिवस के मौके पर एक ऐतिहासिक साहित्यिक समारोह का आयोजन हुआ, जिसमें लखनऊ की प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. अंजना सिंह सेंगर के ग़ज़ल संग्रह ‘यादों की रियासत’ का लोकार्पण स्वयं मॉरीशस के राष्ट्रपति धरमवीर गोकुल (GCS) ने किया। इस मौके पर उन्हें एक विशेष प्रमाणपत्र देकर सम्मानित भी किया गया।

डॉ. सेंगर को राष्ट्रपति ने दिया सम्मान पत्र, भारत की लेखनी का वैश्विक सम्मान

इस मौके पर राष्ट्रपति ने डॉ. सेंगर को आधिकारिक सम्मान पत्र प्रदान कर सराहा। समारोह में भारत के उप उच्चायुक्त विमर्श आर्यन, विश्व हिंदी सचिवालय की महासचिव डॉ. माधुरी रामधारी, और कई देशों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे, जिन्होंने हिंदी ग़ज़लों की अंतरराष्ट्रीय गूंज को महसूस किया।

भारत, अमेरिका सहित कई देशों के साहित्यकारों की रही उपस्थिति

कार्यक्रम का आयोजन विश्व हिंदी सचिवालय, मॉरीशस के शिक्षा और मानव संसाधन मंत्रालय तथा भारतीय उच्चायोग के संयुक्त तत्वावधान में हुआ। यह समारोह न सिर्फ साहित्य, बल्कि सांस्कृतिक कूटनीति का प्रतीक भी बना।

राष्ट्रपति बोले: “गीत और ग़ज़लें मानवीय संवेदनाओं की सजीव आवाज़ हैं”

धरमवीर गोकुल ने कहा कि हिंदी ग़ज़लें आज विदेशों में भी उतनी ही लोकप्रिय हैं। उन्होंने कहा, "हमें समस्याओं से ज़्यादा समाधानों पर ध्यान देना चाहिए।" उन्होंने ‘मेरा जूता है जापानी...’ जैसे गीतों का जिक्र कर हिंदी गीत-संगीत की प्रभावशीलता को उजागर किया।

विश्व हिंदी सचिवालय ग़ज़ल लेखन कार्यशाला आयोजित करेगा

महासचिव डॉ. माधुरी रामधारी ने कहा कि डॉ. अंजना की ग़ज़लें बेहद प्रेरणादायक हैं और अब सचिवालय ग़ज़ल लेखन पर एक विस्तृत कार्यशाला आयोजित करेगा, जिससे नई पीढ़ी को ग़ज़ल विधा की गहराई से रूबरू कराया जा सके।

60 से अधिक पुरस्कारों से सम्मानित, 7 पुस्तकें प्रकाशित

डॉ. अंजना सिंह सेंगर, जिन्होंने केंद्र सरकार की सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर साहित्य को अपना जीवन समर्पित किया, अब तक 60+ सम्मान प्राप्त कर चुकी हैं। उनकी पिछली पुस्तक ‘अगर तुम मुझसे कह देते’ को उत्तर प्रदेश सरकार का फिराक गोरखपुरी पुरस्कार भी मिल चुका है।

“हिंदी ग़ज़ल संवेदनाओं का समंदर है” – डॉ. सेंगर

डॉ. सेंगर का मानना है कि हिंदी ग़ज़लें सिर्फ शब्द नहीं, भावों की सजीव अभिव्यक्ति हैं। उन्होंने कहा, “उत्कृष्ट साहित्य देश और समाज को दिशा देता है। ग़ज़लें भविष्य में और विस्तार पाएंगी।”