सार
Mamta Kulkarni At Mahakumbh : 90 के दशक की पॉपुलर एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी ने शुक्रवार को एक अद्भुत और चौंकाने वाला कदम उठाया। उन्होंने किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर की पदवी को स्वीकार किया, और इसके साथ ही उन्होंने अपना नाम भी ममता कुलकर्णी से बदलकर ममता नंद गिरी रख लिया। गले में रुद्राक्ष और भगवा वस्त्र पहने ममता ने इस नए अध्यात्मिक रास्ते की शुरुआत की है।
यह परिवर्तन एक सवाल खड़ा करता है कि आखिर ममता ने अचानक से अपने जीवन की दिशा क्यों बदली?
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महामंडलेश्वर बनने का निर्णय कैसे लिया?
ममता कुलकर्णी ने इस नए अध्यात्मिक सफर पर चलने के अपने फैसले के बारे में खुलकर बात की। मीडिया रिपीर्टस के अनुसार, ममता ने कहा, “यह सब महाकाल और आदिशक्ति की इच्छाशक्ति से हुआ। मुझे कल ही महामंडलेश्वर बनने का मौका मिला था, और मैंने एक दिन का समय लिया ताकि सोच सकूं कि मुझे इसे स्वीकार करना चाहिए या नहीं। जब मुझे यह पता चला कि किन्नर अखाड़ा में किसी चीज़ की बंदिश नहीं है, और यहां आप स्वतंत्र रूप से धार्मिक कार्य कर सकते हो, तब मैंने यह निर्णय लिया।”
महामंडलेश्वर बनने की प्रक्रिया क्या थी?
ममता ने इस बारे में बताया, “महामंडलेश्वर बनने की प्रक्रिया कुछ उसी तरह होती है जैसे किसी की ग्रेजुएशन की डिग्री मिलती है। ठीक उसी तरह, महामंडलेश्वर बनने के लिए मुझे 23 साल की तपस्या के बाद यह अवार्ड मिला है, और मैं इसे अपनी उपलब्धि मानती हूं।”
महाकुंभ मेले में कब तक रहेंगी ममता?
ममता कुलकर्णी एक फरवरी तक महाकुंभ में कल्पवास पर रहेंगी और साधना करेंगी। यह समय उनके लिए एक नया अध्याय साबित होगा, जहां वह ध्यान, साधना और आत्मा की शांति के लिए स्वयं को समर्पित करेंगी।
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