सार
Mahakumbh 2025: 144 साल बाद बने शुभ संयोग में आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे बाप बेटी ने सबसे कठिन रास्ता चुना। दोनों ने साइकिल से 675 किमी का सफर तय कर संगम में स्नान किया।
Mahakumbh 2025: महाकुंभ मेला भारत का सबसे विशाल धार्मिक समागम है जहां देश-विदेश से करोड़ो लोग आस्था की डुबकी लगाने आ रहे हैं। 144 साल बाद बने इस संयोग में हर कोई आस्था की डुबकी लगाना चाहता है। कोई यहां पहुंचने के लिए नाव का सहारा ले रहा है तो वहीं कुछ लोग नंगे पांव इस सफर को तय कर रहे हैं। इस बीच महाकुंभ में एक पिता और बेटी ने महाकुंभ में स्नान करने के लिए सबसे कठीन रास्ता चुना। दोनों ने साइकल से करीब 675 किलोमीटर का सफर तय किया और संगम में डुबकी लगाई।
दिल्ली से साइकल चलाकर प्रयागराज पहुंचे पिता-बेटी
साइकल से दिल्ली से प्रयागरज तक का सफर तय करने वाले इस शख्स का नाम उमेश पंत और बेटी का नाम अनुपमा पंत है। इस लंबे सफर को तय करके उन्होंने एक नया रिकॉर्ड बना लिया है। उन्होंने बताया कि वह दोनों वह लोगों को संदेश देना चाहते हैं कि साइकल चलाने से कई समस्यायों का हल होता है और इंसान स्वस्थय रहता है।
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साइकल यात्रा के जरिए लोगों को दिया बड़ा संदेश
संगम तट पर आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे पिता-बेटी की जोड़ी ने साइकिल के फायदे बताते हुए पर्यावरण संरक्षण और स्वस्थ जीवन का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि अगर हम अपने छोटे-छोटे कामों के लिए वाहन की जगह साइकल का यूज करें तो स्वास्थ्य में सुधार होगा और साथ ही साथ पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दे होगा। पिता ने कहा कि साइकिल चलाने से न केवल शरीर स्वस्थ रहता है, बल्कि प्रदूषण भी कम होता है। अगर अधिक लोग साइकिल अपनाएं, तो यातायात की समस्याओं से लेकर प्रदूषण नियंत्रण तक, कई बड़े मुद्दों का समाधान हो सकता है। यह यात्रा सिर्फ एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि एक सामाजिक संदेश भी है, जो लोगों को साइकिल अपनाने और पर्यावरण के प्रति जागरूक होने के लिए प्रेरित कर रही है।