Mahakumbh 2025: बागेश्वर बाबा की हनुमंत कथा से गूंज उठी संगम नगरी
Prayagraj Mahakumbh 2025 में बागेश्वर धाम सरकार ने हनुमंत कथा का आयोजन किया, भक्तों को भक्ति और समर्पण का संदेश दिया। आचार्य श्री ने हनुमान जी के जीवन को आदर्श बताया और प्रभु श्रीराम के नाम की शक्ति पर प्रकाश डाला।
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बागेश्वर बाबा की हनुमंत कथा से गूंज उठी संगम नगरी
महाकुंभ के पवित्र अवसर पर आचार्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री (बागेश्वर धाम सरकार) द्वारा त्रिवेणी पुष्प, प्रयागराज में दिव्य हनुमंत कथा का आयोजन किया गया।
आचार्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री का प्रेरक प्रवचन
आचार्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने अपने दिव्य शब्दों से भक्तों को जीवन के उद्देश्य और भक्ति का महत्व समझाया। उन्होंने हनुमान जी के अद्वितीय पराक्रम और समर्पण को प्रेरणास्त्रोत बताया।
हनुमंत कथा का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से
हनुमंत कथा का शुभारंभ साध्वी भगवती सरस्वती और आचार्य श्री धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री द्वारा दीप प्रज्वलन से हुआ। इस अवसर पर भक्तों को हनुमान जी की शक्ति और भक्ति का अद्भुत अनुभव हुआ।
हनुमान जी की भक्ति और समर्पण का संदेश
आचार्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने हनुमान जी के जीवन से समर्पण और सेवा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि प्रभु श्रीराम के नाम में असीम शक्ति है, जो भक्तों के लिए जीवन का वास्तविक बल है।
विशिष्ट अतिथियों का सान्निध्य
स्वामी चिदानंद सरस्वती, डॉ. साध्वी भगवती सरस्वती और अभिनेता अरुण गोविल ने इस दिव्य आयोजन में भाग लिया। अरुण गोविल ने महाकुंभ को पवित्रता और एकता का प्रतीक बताया, वहीं स्वामी चिदानंद ने हनुमान जी के जीवन को त्याग और समर्पण का प्रतीक बताया।
हनुमान जी के जीवन की व्याख्या
आचार्य शास्त्री ने हनुमान जी के जीवन को एक आदर्श के रूप में प्रस्तुत किया। भक्ति और समर्पण के माध्यम से जीवन में आने वाली समस्याओं का समाधान संभव है, इस पर उन्होंने गहन चर्चा की।
महाकुंभ का संदेश: सेवा और समर्पण
महाकुंभ न केवल आध्यात्मिकता और भक्ति का प्रतीक है, बल्कि यह समाज में सेवा और समर्पण का भी संदेश देता है। हनुमान जी की भक्ति और शक्ति हमें जीवन के उच्चतम उद्देश्यों को प्राप्त करने का मार्ग दिखाती है।