सार
CM Yogi on Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ 2025 संपन्न, 66.36 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी। सीएम योगी ने 2013 के कुंभ से तुलना कर बदलावों पर प्रकाश डाला, जल प्रदूषण के दावों को किया खारिज।
Prayagraj MahaKumbh 2025: 45 दिनों तक आस्था का महासंगम बना प्रयागराज का महाकुंभ अपने ऐतिहासिक समापन पर पहुंच गया। 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चले इस महापर्व में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। इस दौरान 66.36 करोड़ श्रद्धालुओं ने पवित्र त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई। महाकुंभ 2025 के समापन के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को प्रयागराज में आयोजित एक कार्यक्रम में 2013 के कुंभ और 2025 के महाकुंभ के बीच बड़े अंतर को रेखांकित किया। उन्होंने कुंभ के दौरान संगम में जल प्रदूषण की खबरों को सिरे से खारिज कर दिया। सीएम योगी ने बताया कि 2013 के कुंभ में एक ऐसा वाकया हुआ था, जिसने गंगा की स्वच्छता को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए थे।
मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने स्नान से किया था इनकार
सीएम योगी ने 2013 कुंभ का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय मॉरीशस के प्रधानमंत्री संगम में स्नान करने आए थे, लेकिन गंगा को देखकर उन्होंने स्नान करने से मना कर दिया। उन्होंने दूर से ही प्रणाम किया और बिना स्नान किए लौट गए। मुख्यमंत्री ने कहा, "जब मैंने यह सुना तो मुझे बहुत दुख हुआ। एक विदेशी अतिथि हमारी गंगा को देखकर निराश हुआ, यह हमारे लिए आत्ममंथन का विषय था।
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" महाकुंभ के दौरान संगम में जल प्रदूषण की खबरों को खारिज करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लगातार जल गुणवत्ता की जांच की गई और रिपोर्ट में पानी पूरी तरह स्वच्छ पाया गया। मुख्यमंत्री ने कहा, “कुछ लोग बेबुनियाद दावे कर रहे हैं, लेकिन राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और स्वतंत्र लैब की रिपोर्ट के अनुसार गंगा और यमुना का पानी पूरी तरह सुरक्षित था।”
शौचालयों का बड़ा इंतजाम, स्वच्छता रही अहम मुद्दा
सीएम योगी ने बताया कि 2013 में कुंभ मेले के दौरान सबसे बड़ी समस्या बालू पर बने शौचालय थे, जिनसे गंदगी फैलती थी और बदबू आने लगती थी। लेकिन इस बार विशेष ध्यान दिया गया और पूरे आयोजन क्षेत्र में एक लाख आधुनिक शौचालय बनाए गए। नियमित सफाई के लिए विशेष टीमें तैनात की गईं, जिससे गंगा की पवित्रता बनी रहे।
सीएम योगी ने कहा, “मैंने सख्त निर्देश दिया था कि कहीं भी गंदगी नहीं दिखनी चाहिए। अगर श्रद्धालुओं की भीड़ दिन में ज्यादा होती है, तो रात में सफाई की जाए। जैसे-जैसे भीड़ छंटे, सफाई होती रहे। इसी कारण इस बार गंगा में कोई गंदगी नहीं पहुंचने दी गई।”
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