सार
महाकुंभ 2025 में 'बिजनेसमैन बाबा' बने चर्चा का केंद्र! जानिए उनके संत बनने से पहले उनके ठगी के कारोबार और जेल यात्रा से लेकर 3,000 करोड़ का बिजनेस छोड़ आध्यात्म का रास्ता अपनाने तक की कहानी, जो अब कुंभ में भक्ति और सेवा का संदेश दे रहे हैं।
महाकुंभ नगर। महाकुंभ 2025 का आयोजन इस बार बेहद खास रहा, क्योंकि इस बार एक नया नाम सुर्खियों में है— राधेश्याम, जो कभी फ्यूचर मेकर कंपनी (Future Maker Life Care Global Marketing) का चेयरमैन और करोड़ों का घोटाला करने वाला ठग था, अब खुद को 'परम गुरु' बताकर आध्यात्मिक उपदेश दे रहा है। फ्यूचर मेकर कंपनी के CMD रहे राधेश्याम, जिन्हें अब ‘बिजनेसमैन बाबा’ या ‘परम गुरु’ कहा जा रहा है, महाकुंभ में अपने प्रवचनों से लोगों को लुभाने में लगे रहे।
कौन हैं ‘बिजनेसमैन बाबा’?
बिजनेसमैन बाबा उर्फ राधेश्याम, जो कभी फ्यूचर मेकर कंपनी (Future Maker Life Care Global Marketing) का चेयरमैन था, इस बार एक बाबा के रूप में प्रयागराज महाकुंभ 2025 में अपने शिविर में ज्ञान बांटते नजर आया। वह कभी आलीशान कारों में घूमता था और करोड़ों की संपत्ति के मालिक था, लेकिन एक दिन उनकी कंपनी पर 1200 करोड़ रुपये की ठगी का आरोप लगा और उन्हें जेल जाना पड़ा। 5 साल जेल में रहने के दौरान उसने गीता लिख डाली। जनवरी 2022 में रिहा होते ही उसने सब कुछ त्यागकर आध्यात्मिक जीवन का रास्ता अपना लिया और 'परमधाम' नामक संस्था की स्थापना की।
बिजनेसमैन बाबा ने जेल में रहते लिख डाली नई गीता
राधेश्याम ने बताया कि वह युवाओं को रोजगार दे रहा था, कंपनी नाम कमा रही थी। मेरे ऊपर कलंक लगा तो जेल में रहने के बाद 500 बार गीता पढ़ी, शून्य का बोध हुआ तब गीता लिखना शुरू किया, जिसका नाम परम रहस्यम लिखी जो 700 पेज की है, जिसे लिखने में पांच साल लगे। राधेश्याम का दावा है कि उसके मन में सुसाइड का भी ख्याल आया था लेकिन गीता ने उसे डिप्रेशन से ऊबार दिया। आठ साल पहले ही बिजिनेसमैन के रूप में मर ही गया था। अब न मै शरीर है और न ही नाम है, मेरा नाम नहीं है। लोग गालियां देते रहते हैं, क्योकि जिस तरह किशन जी से थे, उसी तरह हम भी है, जितने कृष्ण जी के नाम है, उतने भी हमारे नाम है। उसका आरोप है कि लोग उसे अध्यात्म के मार्ग पर नहीं चलने दे रहे हैं। मुझे गीता का प्रचार नहीं करने दिया जा रहा है। रोका जा रहा है, गोली मारने की धमकी दी जा रही है। उसका कहना है कि अब हमे कोई डर नहीं लगता है। उसका कहना है कि अब मैं कोई व्यक्ति नहीं हूं, अब मैं शून्य हूं। कृष्ण हूं। आरोप पर बोला कि ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि हे ईश्वर तुम्हारी लीला से ही सब कुछ होता है, इसलिए इसे भी तू ही ठीक करे।
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कैसे खड़ा किया था 3000 करोड़ा का साम्राज्य?
राधेश्याम ने नेटवर्किंग मार्केटिंग स्कीम के जरिए हजारों लोगों को जोड़कर उनसे पैसा ऐंठा। उनकी फ्यूचर मेकर कंपनी (Future Maker Life Care Global Marketing) में लोगों को कहा जाता था कि 7,200 रुपये जमा करने पर दो साल में 60,000 रुपये मिलेंगे। इस आकर्षक स्कीम के चलते एक साल में 1 करोड़ लोग जुड़ गए और कंपनी ने करोड़ों का घोटाला कर दिया। ये कंंपनी करीब साढ़े तीन साल चली थी। उसका दावा है कि जो लोग सड़कों पर थे वो महलों में पहुंच गए हैं। इस मामले में मास्टरमाइंड के तौर पर राधेश्याम और सुरेंद्र सिंह के तौर पर हुई। राधेश्याम फ्यूचर मेकर लाइफ केयर ग्लोबल मार्केटिंग (Future Maker Life Care Global Marketing) का चेयरमैन और सुरेंद्र सिंह डायरेक्टर था। जब मामला खुला, तो तेलंगाना पुलिस और हरियाणा एसटीएफ ने मिलकर इस कंपनी का पर्दाफाश किया और 200 करोड़ रुपये सीज किए।
राधेश्याम के बाबा बनने के पीछे क्या है असली वजह?
रिहाई के बाद राधेश्याम कहीं गायब हो गया था, लेकिन अब वह महाकुंभ 2025 (mahakumbh 2025) में एक ‘परम गुरु’ के रूप में उभरकर आया है। उसने ‘परमधाम’ संस्था के नाम से सोशल मीडिया पर अकाउंट भी बनाया है और 12 से ज्यादा वीडियो अपलोड कर चुका है, जिनमें वह खुद को भगवान श्रीकृष्ण का भक्त बताता है। उसके वीडियो भी खूब वायरल हो रहे हैं।
बिजनेसमैन बाबा का क्या यह नया ‘धर्म बिजनेस’ है?
राधेश्याम अब महाकुंभ (mahakumbh 2025) में अपने भक्तों को प्रवचन दे रहा है और कहता है— "संपत्ति में असली शांति नहीं, असली सुख सेवा और भक्ति में है।" लेकिन कई लोग इसे शक की नजर से देख रहे हैं। कई सोशल मीडिया यूजर्स सवाल उठा रहे हैं: "क्या यह आध्यात्म के नाम पर नई ठगी है?" "कहीं यह एक नया बिजनेस मॉडल तो नहीं?" लेकिन इन विवादों के बावजूद, 'बिजनेसमैन बाबा' का दावा है कि उसने जीवन का असली उद्देश्य समझ लिया है और अब लोगों को सही राह दिखा रहे हैं।
क्या ‘बिजनेसमैन बाबा’ की कहानी आपको प्रेरित करती है?
राधेश्याम की स्टोरी जानने के बाद यूजर्स ने कई सवाल भी किए, मसलन क्या सच में एक ठग बाबा बन सकता है? क्या महाकुंभ 2025 में यह अध्यात्मिक बदलाव असली है या फिर यह सिर्फ एक नया दिखावा? आप क्या सोचते हैं? हमें कमेंट में बताएं! इस बात पर कुछ तर्कशास्त्री यह तर्क देते हैं कि अगर डाकू रत्नाकर जीवन से सीख लेकर बाल्मीक बन सकता है, रामायण की रचना कर सकता है तो फिर राधेश्याम जैसे लोग क्यों नहीं बदल सकते हैं। खैर यह तो वक्त बताएगा लेकिन फिलहाल इस बार महाकुंभ में नए बाबा के रूप में राधेश्याम उर्फ बिजिनेसमैन बाबा ने खूब महफिल लूटी।
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