Lucknow Awadh Chauraha underpass construction: लखनऊ के अवध चौराहे पर बन रहे अंडरपास की मंडलायुक्त ने समीक्षा की। निर्माण कार्य में तेजी लाने और गुणवत्ता बनाए रखने के निर्देश दिए गए। परियोजना दिसंबर 2026 तक पूरी होने की उम्मीद है।

Lucknow development projects: राजधानी लखनऊ में सड़क जाम और सुस्त यातायात से जूझ रहे लोगों के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है। ट्रैफिक की परेशानी से निजात दिलाने की दिशा में प्रशासन तेजी से कदम बढ़ा रहा है। मंगलवार को मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब ने अवध चौराहे पर बन रहे अंडरपास परियोजना की प्रगति और गुणवत्ता का स्थलीय निरीक्षण किया। यह अंडरपास न केवल शहरवासियों की यात्रा को आसान बनाएगा, बल्कि भविष्य में ट्रैफिक का एक स्थायी समाधान भी साबित होगा।

अंडरपास बनेगा सुगम यातायात का आधार, निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सख्त नज़र

निरीक्षण के दौरान मंडलायुक्त ने अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि निर्माण के चलते यातायात व्यवस्था बाधित नहीं होनी चाहिए। आम जनता को किसी भी असुविधा से बचाने के लिए सभी संबंधित विभागों को समन्वय से काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कार्य की गुणवत्ता और मानकों से किसी भी स्तर पर समझौता नहीं किया जाएगा।

887.36 मीटर लंबा होगा अंडरपास, 100 मीटर में होगा बॉक्स पुशिंग

सेतु निगम के अधिकारी ने बताया कि अंडरपास की कुल लंबाई 887.36 मीटर होगी, जिसमें से 100 मीटर हिस्से में ‘बॉक्स पुशिंग’ तकनीक से निर्माण कार्य किया जाएगा। वर्तमान में दो रिंग मशीन, एक हाइड्रा, जेसीबी, दो कंक्रीट पंप और एक मिनी स्कैवेटर के माध्यम से काम प्रगति पर है। परियोजना का सिविल निर्माण कार्य 26 दिसंबर 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

24x7 शिफ्ट में पूरा हो निर्माण, बढ़ेगी मशीनों और श्रमिकों की संख्या

मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब ने निर्देश दिए कि कार्य को समयसीमा के भीतर पूरा करने के लिए मशीनों और श्रमिकों की संख्या में तत्काल वृद्धि की जाए। उन्होंने कहा कि निर्माण को 24x7 शिफ्टों में करने से प्रगति तेज होगी और लक्ष्य समय से पूर्व भी प्राप्त किया जा सकता है। इसके अलावा, उन्होंने डिजिटल मैपिंग के माध्यम से पूरे प्रोजेक्ट की समीक्षा की और सभी व्यवस्थाओं की वस्तुस्थिति जानी।

बिजली, ट्रैफिक या पुलिस व्यवस्था में कोई अड़चन आए तो तुरंत करें समाधान

निरीक्षण के दौरान उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि यदि निर्माण के दौरान किसी भी प्रकार की बिजली, यातायात या सुरक्षा व्यवस्था में समस्या उत्पन्न हो, तो उसे तुरंत उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाया जाए। इससे कार्य में देरी नहीं होगी और जनता को भी किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।

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