सार
मौनी अमावस्या पर कुंभ मेले में हुई भगदड़ के पीछे क्या 16 हज़ार मोबाइल फ़ोन का हाथ है? क्या है ये चौंकाने वाली जानकारी?
मौनी अमावस्या के दिन 10 करोड़ से ज़्यादा श्रद्धालु प्रयागराज में अमृत स्नान के लिए उमड़े थे। इसी दौरान भगदड़ मच गई, जिसमें लगभग 30 लोगों की जान चली गई। इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद के चलते, उत्तर प्रदेश सरकार ने तमाम इंतज़ाम किए थे, लेकिन किसी शरारती तत्व द्वारा फैलाई गई अफवाह के कारण भगदड़ मच गई। घटना के दिन ही इसके पीछे किसी बड़ी साज़िश की आशंका जताई गई थी। लाखों लोगों की भीड़ में होने वाली दुर्घटनाएं, भगदड़, तिरुपति के वैकुंठ द्वादशी के विशेष दर्शन के टिकट वितरण के दौरान भी देखी गई हैं। 10 करोड़ से ज़्यादा श्रद्धालुओं के एक जगह जमा होने पर क्या-क्या हो सकता है, इसका अंदाज़ा लगाते हुए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सभी तरह के कदम उठाए थे। सब कुछ ठीक चल रहा था। आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए भी इंतज़ाम किए गए थे।
इसके बावजूद भगदड़ मच गई। इतनी बड़ी संख्या में लोगों के जमा होने पर भगदड़ होना स्वाभाविक है, ऐसा कई लोगों ने कहा, लेकिन इसके पीछे एक बड़ी साज़िश की बात कही जा रही है। सरकार ने कहा था कि अफवाह फैलाकर भगदड़ मचाई गई। वहीं, प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कुछ युवकों ने अचानक भीड़ में घुसकर लोगों को धक्का दिया। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार जांच कर रही है। अब जांच में एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है, जो सभी अटकलों को सही साबित करती है।
मौनी अमावस्या यानी 29 जनवरी को प्रयागराज में हुई भगदड़ के दौरान एक्टिव रहे मोबाइल फ़ोनों के डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है। इनमें से लगभग 16 हज़ार फ़ोन घटना के बाद बंद हो गए हैं। ये फ़ोन संपर्क में नहीं आ रहे हैं। भगदड़ से कुछ मिनट पहले फ़ोन करके, बाद में फ़ोन बंद करने वालों का पता लगाने में जुटी है जांच एजेंसियां! बंद मोबाइल नंबरों के मालिकों की जानकारी जुटाई जा रही है।
पुलिस कंट्रोल रूम में लगे सीसीटीवी फुटेज से चेहरा पहचानने वाले ऐप के ज़रिए संदिग्धों की पहचान की जा रही है। भगदड़ के दौरान कुछ युवकों द्वारा अचानक भीड़ में घुसकर लोगों को धक्का देने से भी कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। उस दिन हुई भगदड़ में 30 लोग मारे गए थे। कहा जा रहा है कि वहां जानबूझकर अफवाह फैलाई गई थी। इससे डरे लोग बैरिकेड्स लांघकर भागने लगे, जिससे हादसा हुआ। इस घटना के पीछे सुनियोजित साज़िश का अंदेशा जताते हुए योगी सरकार ने न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। तीन सदस्यों वाली न्यायिक आयोग जांच कर रही है। फिलहाल 16 हज़ार मोबाइल फ़ोनों के बंद होने की जांच शुरू हो गई है, और एक महीने में पूरी जानकारी मिलने की उम्मीद है। इसी बीच, भगदड़ को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की गई है।