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गोरखनाथ मंदिर से मानसरोवर तक गोरक्षपीठाधीश्वर की शोभायात्रा, जानें खास अनुष्ठान, देखें तीस्वीरें
क्या आपने देखा गोरक्षपीठाधीश्वर की विजय शोभायात्रा का अद्भुत उत्सव? मुख्यमंत्री योगी की अगुवाई में मुस्लिम, सिंधी और सर्वसमाज ने पुष्प वर्षा कर दिया स्वागत, महादेव का अभिषेक और राम का राजतिलक, आस्था और उमंग का भव्य संगम!

क्या आपने देखा गोरक्षपीठाधीश्वर की भव्य विजय शोभायात्रा?
विजयदशमी पर गोरखनाथ मंदिर से निकली यह शोभायात्रा आस्था और उमंग की लहरों से सजी हुई थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पीठाधीश्वर की अगुवाई में समाज के सभी वर्गों ने इसे भव्य रूप से देखा। यह आयोजन केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक संदेश भी देता है।
क्यों मुस्कुराई जनता और अल्पसंख्यक समुदाय ने भी हाथ उठाया?
मुस्लिम, सिंधी और बुनकर समाज के लोगों ने भी पुष्प वर्षा और अभिनंदन कर शोभायात्रा का स्वागत किया। यह घटना तुष्टिकरण की राजनीति को जवाब देती हुई, समाज में भाईचारे और एकता का संदेश देती है।
गोरक्षपीठ के अनुष्ठानों में है क्या खास?
नाथ संप्रदाय के पारंपरिक वाद्ययंत्र-नागफनी, तुरही, डमरू और बैंड बाजे की धुन के बीच पीठाधीश्वर ने रथ पर सवार होकर शोभायात्रा की अगुवाई की। लोग उत्साह से झूमते हुए उनकी झलक पाने को आतुर थे।
महादेव और श्रीराम का पूजन क्यों खास?
मानसरोवर मंदिर में पीठाधीश्वर ने महादेव का अभिषेक किया और रामलीला में श्रीराम का राजतिलक किया। यह केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि आस्था और सामाजिक संदेश का प्रतीक भी बन गया।
क्यों लगी दर्शकों की आंखों में चमक?
शोभायात्रा के रास्ते में दस लोक कलाकारों ने विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। दोनों किनारों पर मौजूद लोग मोबाइल में तस्वीरें और वीडियो बनाते रहे। यह पर्व आस्था, संस्कृति और मनोरंजन का अद्भुत संगम था।
शोभायात्रा से कौन सा संदेश मिलता है?
गोरक्षपीठ के मार्गदर्शन में यह शोभायात्रा सामाजिक ताने-बाने की मजबूती और सर्वसमाज के भाईचारे का प्रतीक बन गई। धर्म और समाज के बीच संतुलन का संदेश हर दर्शक तक पहुंचा।
कौन-कौन मिला स्वागत करने?
मुस्लिम और सिंधी समाज ने पुष्प वर्षा कर और माल्यार्पण कर गोरक्षपीठाधीश्वर का अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री योगी ने रथ पर आशीर्वाद दिया। अल्पसंख्यक समाज के लोगों ने प्रसाद लेकर कृतज्ञता दिखाई।
कैसे सुनिश्चित हुई सुरक्षा?
मुख्यमंत्री योगी की अगुवाई वाली शोभायात्रा में कड़े सुरक्षा इंतजाम थे। लोग उत्साह और उमंग से भरे थे, लेकिन शांतिपूर्ण और सुरक्षित आयोजन सुनिश्चित किया गया। सुरक्षा दल ने हर कोण पर निगरानी रखी।
क्यों दिखी आस्था और रंगों की अद्भुत झलक?
रथ, वाद्ययंत्र, पुष्प वर्षा और लोक प्रस्तुतियों के बीच गोरक्षपीठाधीश्वर की शोभायात्रा ने अद्भुत दृश्य प्रस्तुत किया। बच्चों और महिलाओं ने उत्साह में तस्वीरें और वीडियो बनाकर इस पल को यादगार बनाया।
क्या यह केवल धार्मिक शोभायात्रा थी या समाज संदेश भी देती है?
गोरक्षपीठाधीश्वर की विजय शोभायात्रा ने धर्म, संस्कृति और सामाजिक एकता को एक साथ पेश किया। अल्पसंख्यक समाज और सभी वर्गों की सहभागिता ने इसे भाईचारे और एकता का प्रतीक बना दिया।