organic farming benefits: बहराइच के किसान अशोक कुमार ने २.५ किलो की विशालकाय गोभी उगाई है। जैविक खेती से तैयार यह गोभी स्वाद और सेहत, दोनों के लिए बेहतरीन है। आइए जानें कैसे उन्होंने यह कमाल किया।

UP Farmer Success Story : आमतौर पर बाजार में मिलने वाली बंद गोभी का वजन एक किलो से अधिक नहीं होता, लेकिन बहराइच जिले के मिहिपुरवा गिरजापुरी गांव के किसान अशोक कुमार ने 2.5 किलो तक वजन वाली गोभी उगाकर सबको चौंका दिया है। यह गोभी पूरी तरह जैविक विधि से तैयार की जाती है, जिससे इसका स्वाद बेहतरीन होता है और यह सेहत के लिए भी लाभकारी मानी जाती है।

Organic farming से बढ़ी पैदावार और गुणवत्ता

किसान अशोक कुमार ने एक निजी चैनल से बातचीत के दौरन बताया की जैविक विधि से खेती करने में लागत बहुत कम आती है और उत्पाद की गुणवत्ता बेहतर होती है। जैविक तरीकों से उगाई गई फसल में किसी भी प्रकार के हानिकारक रसायनों का उपयोग नहीं किया जाता, जिससे यह स्वास्थ्य के लिए पूरी तरह सुरक्षित होती है।

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बंद गोभी की खेती के लिए आवश्यकताएं

  • बंद गोभी यानी पत्ता गोभी की खेती के लिए कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है।
  • खेत को क्यारियों में बांटकर खेती करना अधिक लाभदायक होता है, जिससे निराई-गुड़ाई और सिंचाई में आसानी होती है।
  • बीजों को गर्म पानी में भिगोकर मरकरी क्लोराइड या स्ट्रैपटोसाइकलिन से उपचारित करने से पैदावार बेहतर होती है।
  • रेतीली मिट्टी में बोई गई फसल के लिए कार्बेनडाज़िम का उपयोग किया जाता है।
  • जलभराव से फसल को नुकसान हो सकता है, इसलिए खेत में जल निकासी की उचित व्यवस्था होनी चाहिए।
  • मिट्टी का पीएच स्तर 5.5 से 6.5 के बीच होना चाहिए।
  • रोपाई के बाद समय-समय पर सिंचाई आवश्यक होती है।

फसल को कीटों और बीमारियों से बचाने के उपाय

  • बंद गोभी की फसल को कीटों और बीमारियों से बचाने के लिए आवश्यक सावधानियां बरतनी होती हैं।
  • कीटों से बचाव के लिए जैविक पद्धति में नीम के अर्क का छिड़काव किया जाता है।
  • फफूंद संक्रमण से बचाने के लिए जैविक फफूंदनाशकों का उपयोग किया जाता है।
  • खरपतवार नियंत्रण के लिए खेत की समय-समय पर गुड़ाई की जाती है।

बहराइच की यह गोभी क्यों है खास

अशोक कुमार द्वारा उगाई गई यह गोभी न केवल वजन में अधिक है बल्कि जैविक तरीके से तैयार होने के कारण इसकी पौष्टिकता और स्वाद भी बेहतरीन है। बड़ी आकार की यह गोभी 10 से 15 लोगों के लिए पर्याप्त होती है। जैविक खेती के इस सफल प्रयोग से अन्य किसानों को भी प्रेरणा मिल रही है, जिससे वे रासायनिक उर्वरकों से बचकर जैविक खेती की ओर बढ़ सकते हैं।

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