गोरखपुर में गिरफ्तार फर्जी IAS गौरव कुमार सिंह उर्फ ललित किशोर के जालसाजी नेटवर्क का बड़ा खुलासा। AI से फर्जी दस्तावेज तैयार कर करोड़ों की ठगी, चार गर्लफ्रेंड्स, प्रेग्नेंसी, लाल-नीली बत्तियों का रुआब और 5 करोड़ की हेरा-फेरी का पर्दाफाश।
कभी-कभी सच इतना अविश्वसनीय होता है कि वह कहानी जैसा लगता है. लेकिन गोरखपुर से पकड़ा गया फर्जी IAS गौरव उर्फ ललित किशोर किसी फिल्मी विलेन से कम नहीं. करोड़ों की जालसाजी, सरकारी ठेकों का झांसा, लाल-नीली बत्ती की गाड़ियां, गनर, नकली फाइलें, गर्लफ्रेंड्स और बनावटी रुतबा सब कुछ एक ही आदमी की बनाई दुनिया. लेकिन आखिरकार यह झूठ का महल ढह गया और उसकी पोल खुल गई.
गोरखपुर से गिरफ़्तार फर्जी IAS, बड़ा रैकेट चला रहा था नेटवर्क
गोरखपुर पुलिस ने एक ऐसे syndicate का भंडाफोड़ किया है, जिसके सरगना गौरव कुमार सिंह उर्फ ललित किशोर को IAS बनकर ठगी करने का शौक था. उसके दो साथी अभिषेक कुमार और परमानंद गुप्ता भी अरेस्ट किए गए हैं. जांच में सामने आया है कि यह गैंग यूपी, बिहार, मध्यप्रदेश और झारखंड में जालसाजी की जड़ें फैला चुका था.
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बिहार चुनाव के दौरान पकड़े गए 99 लाख ने खोली परतें
शुरुआती शक तब बढ़ा जब बिहार चुनाव के दौरान पकड़े गए 99 लाख रुपये की जांच शुरू हुई. एजेंसियों को गौरव की हरकतें संदिग्ध लगीं और उस पर करीबी निगरानी शुरू की गई. कुछ ही दिनों में उसकी लाइफस्टाइल और ठगी का पूरा खेल खुलने लगा.
2019 में M.Sc. करने वाला युवक कैसे बना नकली IAS
गौरव ने 2019 में गणित में M.Sc. किया और D.I.O.S. बनने का सपना देखा, मगर सफलता नहीं मिली. 2022 में उसने नौकरी दिलाने के नाम पर एक छात्र से 2 लाख ले लिए, यही उसका पहला केस बना. गिरफ्तारी, जमानत और फिर लगभग एक साल अंडरग्राउंड रहने के बाद उसने ठगी का बड़ा खेल शुरू किया.
IAS बनने का शौक: लाल-नीली बत्ती, गनर, काफिला और खर्चीली जिंदगी
पुलिस के अनुसार, गौरव हर महीने मोटी रकम खर्च कर IAS जैसा प्रोटोकॉल मेंटेन करता था.
- लाल-नीली बत्ती वाली इनोवा
- 3-4 गनर
- सरकारी अफसरों जैसा काफिला
- बनावटी दौरे, बनावटी मीटिंग
लोग उसके रुतबे से प्रभावित हो जाते और वह उन्हें ठेकों, सरकारी योजनाओं और टेंडरों का लालच देकर करोड़ों की ठगी कर लेता.
4 गर्लफ्रेंड्स, 3 प्रेग्नेंट और किसी को नहीं थी सच्चाई की खबर
फोन सर्विलांस से पुलिस को जो जानकारी मिली वह हैरान करने वाली थी. गौरव की 4 गर्लफ्रेंड्स थीं, जिनमें से 3 गर्भवती थीं. इसके अलावा वह भागकर एक शादी भी कर चुका था. उसकी किसी गर्लफ्रेंड को पता नहीं था कि वह शादीशुदा है.
AI से बनाता था फर्जी सरकारी दस्तावेज
उसका साला, जिसने सॉफ्टवेयर में पढ़ाई की थी, फर्जी दस्तावेज तैयार करने में उसकी मदद करता था. AI की मदद से बनाई गई फाइलें असली जैसी दिखती थीं. यही उसकी ठगी का सबसे ताकतवर हथियार था.
पटना में कारोबारी से 5 करोड़ और 2 इनोवा हड़पी
कुछ महीने पहले उसने पटना के एक बड़े कारोबारी को 450 करोड़ के टेंडर का लालच देकर 5 करोड़ रुपये और 2 इनोवा कारें ले ली थीं.
एसडीएम को थप्पड़ मारने तक पहुँच गया था उसका घमंड
भागलपुर में एक एसडीएम ने उसकी पहचान पर शक किया. पूछताछ में गौरव ने गुस्से में एसडीएम को थप्पड़ मार दिया. हैरानी की बात यह कि एसडीएम ने इसकी शिकायत तक नहीं की शायद उसके रुतबे से भ्रमित होकर.
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