Delhi To Varanasi Bullet Train : केंद्र सरकार की नई बुलेट ट्रेन योजना में दिल्ली से वाराणसी के बीच हाई स्पीड रेल कॉरिडोर तैयार किया जाएगा, जिससे 12 घंटे की दूरी अब सिर्फ ढाई घंटे में तय होगी। यूपी को मिलेगी तेज रफ्तार यात्रा की सौगात।
Bullet Train In UP: देश में रेल नेटवर्क की तस्वीर बदलने की तैयारी जोरों पर है। मुंबई-अहमदाबाद के बीच पहली बुलेट ट्रेन परियोजना के बाद अब सरकार उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों को हाई स्पीड रेल से जोड़ने की योजना पर काम कर रही है। क्या यह परिवहन के नए युग की शुरुआत है? आइए जानते हैं...
कहां से कहां तक चलेगी यूपी में बुलेट ट्रेन?
योजना के तहत दिल्ली से वाराणसी तक करीब 852 किलोमीटर लंबा बुलेट ट्रेन कॉरिडोर तैयार किया जाएगा। यह रूट न सिर्फ दो बड़े शहरों को जोड़ेगा बल्कि मथुरा, आगरा, लखनऊ और प्रयागराज जैसे धार्मिक व पर्यटन स्थलों को भी तेज़ रफ्तार से जोड़ने का काम करेगा।
फिलहाल दिल्ली से वाराणसी की यात्रा में लगभग 12 घंटे लगते हैं, लेकिन बुलेट ट्रेन इस दूरी को सिर्फ ढाई घंटे में पूरा कर देगी। इससे प्रदेश की आर्थिक और धार्मिक गतिविधियों को नई रफ्तार मिल सकती है।
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सिर्फ यूपी ही नहीं, इन राज्यों में भी दौड़ेगी बुलेट ट्रेन
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में जानकारी दी कि देश में 6 नए बुलेट ट्रेन रूट्स पर काम चल रहा है। इन रूट्स में शामिल हैं:
- दिल्ली-वाराणसी
- वाराणसी-हावड़ा (676 किमी, पटना के रास्ते)
- दिल्ली-अमृतसर
- मुंबई-नागपुर
- मुंबई-हैदराबाद
- चेन्नई-बेंगलुरु-मैसूर
इन रूट्स के ज़रिए देश के प्रमुख महानगरों और सांस्कृतिक शहरों को हाई स्पीड रेल से जोड़ने की कोशिश की जा रही है।
वाराणसी से हावड़ा तक अब सिर्फ 2 घंटे का सफर!
बुलेट ट्रेन की एक और बड़ी परियोजना वाराणसी से हावड़ा के बीच प्रस्तावित है, जिसकी लंबाई लगभग 676 किलोमीटर होगी। यह ट्रेन पटना होते हुए गुजरेगी। अभी इस यात्रा में करीब 15 घंटे लगते हैं, लेकिन हाई स्पीड ट्रेन से यह दूरी केवल 2 घंटे 5 मिनट में तय हो सकेगी।
कौन बना रहा है इस हाईस्पीड योजना का खाका?
सरकार ने इन सभी रूट्स के लिए नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) को डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी है। DPR में तकनीकी, वित्तीय और पर्यावरणीय पहलुओं की गहराई से समीक्षा की जाएगी, ताकि परियोजना का कार्यान्वयन सुचारू रूप से हो सके।
बुलेट ट्रेन के आने से यात्रा का समय कम होगा, सुरक्षा मानक बेहतर होंगे और यात्रियों को आधुनिक तकनीक पर आधारित सुविधा मिलेगी। इसके साथ ही इससे पर्यटन, व्यापार और रोजगार के अवसरों में वृद्धि की उम्मीद है। खासकर उत्तर प्रदेश जैसे राज्य के लिए यह एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है।
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