CM Mass Marriage Scheme: योगी सरकार ने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का बजट बढ़ाकर ₹1 लाख प्रति विवाह कर दिया है। अब कन्यादान के साथ ₹60,000 सीधे बैंक खाते में, ₹25,000 के उपहार और ₹15,000 आयोजन के लिए मिलेंगे।
UP Chief Minister Mass Marriage Scheme: उत्तर प्रदेश में बेटियों के हाथ पीले करना अब और भी सम्मानजनक और आसान होने जा रहा है। योगी सरकार ने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का बजट लगभग दोगुना नहीं, अब पूरा एक लाख रुपये प्रति विवाह कर दिया है। यह कदम सामाजिक सशक्तिकरण और गरीब परिवारों को संबल देने की दिशा में एक बड़ी पहल माना जा रहा है।
सिर्फ ₹51,000 नहीं, अब हर शादी पर मिलेगा पूरा ₹1 लाख का सहयोग
अब तक इस योजना के अंतर्गत प्रति विवाह ₹51,000 का प्रावधान था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर ₹1 लाख कर दिया गया है। इसमें से ₹60,000 की धनराशि सीधे लड़की के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी, जबकि ₹25,000 की उपहार सामग्री और ₹15,000 का विवाह आयोजन खर्च में दिया जाएगा।
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उपहार में लहंगा, पायल से लेकर ट्रॉली बैग तक मिलेगा सबकुछ
सरकार द्वारा दी जाने वाली उपहार सामग्री की सूची भी पहले से अधिक आकर्षक और उपयोगी कर दी गई है:
- दुल्हन के लिए 5 साड़ी-ब्लाउज, लहंगा, चुनरी, अन्य वस्त्र
- दूल्हे के लिए पैंट-शर्ट का कपड़ा, फेंटा-गमछा
- चांदी की पायल और बिछिया, बिस्तर सेट, ड्राईफ्रूट, मिठाई, ट्रॉली बैग आदि
गोंडा जिले को मिला 722 शादियों का लक्ष्य
इस बार गोंडा जिले को 722 शादियों का लक्ष्य दिया गया है। समाज कल्याण अधिकारी एसपी सिंह के अनुसार, नगर पालिकाओं और ब्लॉकों में शुभ मुहूर्त के अनुसार विवाह कार्यक्रम संपन्न कराए जाएंगे।
कैसे करें आवेदन, कहां मिलेगा लाभ
इस योजना का लाभ लेने के इच्छुक परिवार:
- समाज कल्याण विभाग के कार्यालय या संबंधित ब्लॉक कार्यालय में जाकर आवेदन कर सकते हैं।
किन्हें मिलेगी प्राथमिकता? जानिए नियम
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत:
- लड़की की न्यूनतम आयु 18 वर्ष और लड़के की 21 वर्ष होनी चाहिए
- योजना में निराश्रित कन्या, विधवा महिला की पुत्री, दिव्यांगजन की पुत्री को प्राथमिकता दी जाती है
- विधवा व दिव्यांग विवाहार्थियों को भी योजना में वरीयता दी जाती है
यह योजना केवल शादी नहीं, सम्मान है
सरकार की यह योजना सिर्फ आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि उन परिवारों के लिए उम्मीद और सम्मान का प्रतीक बन गई है जो सामाजिक कारणों या आर्थिक तंगी के चलते विवाह कराने में कठिनाई महसूस करते हैं। अब हर बेटी की शादी सिर्फ संस्कार नहीं, राजकीय संबल का उदाहरण भी बनेगी।
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