सार

संभल के चंदौसी में खुदाई के बाद बाहर आई प्राचीन रानी की बावड़ी के ऊपर बने मकान पर प्रशासन का हथौड़ा चल गया है। शनिवार दिन निकलते ही इस घर को गिराने का काम शुरू हो गया।

 

उत्तर प्रदेश के संभल जिले के चंदौसी क्षेत्र में स्थित रानी की बावड़ी, जो 150 वर्ष पुरानी ऐतिहासिक धरोहर पर अवैध निर्माण के खिलाफ प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई शुरू की है। नगर पालिका प्रशासन ने मकान मालिक को 24 घंटे के भीतर अवैध निर्माण हटाने का नोटिस जारी किया था, जिसके बाद शुक्रवार की देर रात मकान को ध्वस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई।

कार्रवाई से परिवार आहत

मकान मालिक और उनके परिवार के सदस्य इस कार्रवाई से आहत हैं। मकान मालिक ने मीडिया को दिए बयान में कहा है कि उसने आहुजा नाम के एक बिल्डर से ये प्लाट खरीदा था। उनका दावा है कि उसे ये नहीं बताया गया था कि जो प्लॉट उसे बेचा जा रहा है उसके नीचे ऐतिहासिक बावड़ी है।

अवैध अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया तेज

इससे पहले, 21 दिसंबर 2024 को डीएम डॉ. राजेंद्र पेंसिया को एक पत्र प्राप्त हुआ था, जिसमें रानी की बावड़ी पर अवैध अतिक्रमण हटाने की मांग की गई थी। इसके बाद, बावड़ी की खुदाई शुरू की गई, लेकिन एएसआई की टीम ने काम रोक दिया था, क्योंकि बावड़ी की दीवारें कमजोर थीं और जहरीली गैस निकलने की संभावना थी। हालांकि, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जांच में जहरीली गैस की बात गलत साबित हुई। अब, प्रशासन ने अवैध अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया तेज कर दी है, जिससे बावड़ी की खुदाई फिर से शुरू होने की उम्मीद जगी है।

संभल में जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने का दावा पेश होने के बाद से शुरू हुए विवाद में प्रशासन अवैध अतिक्रमण के खिलाफ भी कार्रवाई कर रहा है। ये कार्रवाई अधिकतर मुस्लिम इलाकों तक ही सीमित है।

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