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BIMTECH Convocation 2025: उपराष्ट्रपति ने क्यों कहा– कर्तव्य पहले, अधिकार बाद में?
BIMTECH Convocation 2025: बिमटेक का 37वां दीक्षांत समारोह ग्रेटर नोएडा में आयोजित हुआ। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने वर्चुअल संबोधन में कर्तव्य को अधिकारों से ऊपर रखने का संदेश दिया। 713 विद्यार्थियों को उपाधि और 18 को उत्कृष्टता पुरस्कार मिले।
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बिमटेक का 37वां दीक्षांत समारोह संपन्न, उपराष्ट्रपति ने दिया राष्ट्रधर्म का संदेश
भारत के प्रमुख प्रबंधन संस्थानों में शुमार बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी (बिमटेक) ने अपने 37वें वार्षिक दीक्षांत समारोह के माध्यम से शैक्षणिक उत्कृष्टता की विरासत को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया। इस समारोह में कुल 713 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गईं, वहीं 18 मेधावी छात्रों को शैक्षणिक श्रेष्ठता के लिए पदकों और प्रमाणपत्रों से नवाजा गया।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का प्रेरणादायक संदेश
इस गरिमामय अवसर पर भारत के माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने वर्चुअल माध्यम से समारोह में सहभागिता की और देश के भविष्य निर्माता इन स्नातकों को दिशा दिखाते हुए कहा: “आज हमें अपने कर्तव्यों को अधिकारों से ऊपर रखना होगा।
जगदीप धनखड़ का छात्रों को चौंकाने वाला राष्ट्रवादी संदेश!
भारत एक निर्णायक दौर से गुजर रहा है और ऐसे समय में युवाओं को लोकतंत्र की नींव को मज़बूत करने की जिम्मेदारी निभानी होगी।” उपराष्ट्रपति ने पहलगाम जैसे मुद्दों पर देश को एकजुट होकर खड़े होने का आह्वान करते हुए कहा कि भारत वैश्विक चुनौतियों के बीच भी पांच सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होकर एक नए युग की ओर अग्रसर है।
शिक्षा से ज्यादा, एक मूल्य आधारित जीवन की तैयारी
बिमटेक की डायरेक्टर डॉ. प्रवीणा राजीव ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा: “यह संस्थान न केवल छात्रों को करियर के लिए तैयार करता है, बल्कि उन्हें एक वैश्विक नागरिक के रूप में सोचने और व्यवहार करने की शिक्षा भी देता है।” उन्होंने छात्रों को सतत नवाचार, ईमानदारी और समावेशिता जैसे मूल्यों को अपने जीवन का हिस्सा बनाने का आग्रह किया।
जयश्री मोहता का भावुक संबोधन: “सपनों से साक्षात्कार का दिन”
बिमटेक गवर्निंग बोर्ड की अध्यक्षा श्रीमती जयश्री मोहता ने समारोह को छात्रों के लिए एक "जीवन बदलने वाला क्षण" बताया: "यह सिर्फ एक औपचारिक समापन नहीं, बल्कि आत्म-परिवर्तन, सामाजिक प्रतिबद्धता और वैश्विक नेतृत्व की ओर पहला कदम है।" खैतान एंड कंपनी के वरिष्ठ साझेदार श्री नंद गोपाल खैतान ने अपने रोचक अंदाज़ में छात्रों से कहा: "काम की कोई सीमा नहीं होती, कोई समय तय नहीं होता। आप मक्खी नहीं, तितली बनने की दिशा में कार्य करें—जिसे लोग सराहें और पास रखना चाहें।"
उत्कृष्टता का सम्मान: 713 उपाधियाँ और 18 पदक
इस समारोह में बिमटेक के निम्न पाठ्यक्रमों के विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की गई:
पीजीडीएम (सामान्य)
पीजीडीएम – रिटेल मैनेजमेंट
पीजीडीएम – इंश्योरेंस बिजनेस मैनेजमेंट
पीजीडीएम – इंटरनेशनल बिजनेस
पीजीडीएम – ऑनलाइन
फैलोशिप प्रोग्राम इन मैनेजमेंट (EFPM)
18 छात्रों को उनके अकादमिक परफॉर्मेंस के लिए गोल्ड और सिल्वर मेडल के साथ सम्मानित किया गया।
AACSB मान्यता के साथ वैश्विक मानदंडों पर खरा उतरता बिमटेक
स्व. बसंत कुमार बिड़ला और सरला बिड़ला की प्रेरणा से स्थापित बिमटेक ने हाल ही में AACSB मान्यता प्राप्त कर ली है, जिससे यह संस्थान वैश्विक बी-स्कूल्स की अग्रिम श्रेणी में शामिल हो चुका है। 9,000 से अधिक छात्रों का सशक्त एलुमनाई नेटवर्क बिमटेक की वैश्विक उपस्थिति को और मजबूत करता है।