बागपत: उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में मंगलवार को जैन समुदाय के निर्वाण महोत्सव के दौरान एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। यहां 65 फीट ऊंचे मंच की सीढ़ियां अचानक टूट गईं, जिससे भगदड़ मच गई और कई श्रद्धालु एक-दूसरे के ऊपर गिर गए। हादसे में 7 लोगों की मौत की जानकारी सामने आई है,जबकि 80 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहें हैं। घायल श्रद्धालुओं को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जिनमें से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है।

सुबह 7-8 बजे के बीच हुआ हादसा

यह दर्दनाक घटना बागपत जिले के बड़ौत तहसील में उस समय घटी, जब जैन समुदाय के लोग भगवान आदिनाथ को लाडू (प्रसाद) चढ़ाने के कार्यक्रम में भाग ले रहे थे। इस दौरान आयोजकों द्वारा 65 फीट ऊंचा लकड़ी का मंच तैयार किया गया था, जिस पर भगवान आदिनाथ की 4-5 फीट ऊंची मूर्ति रखी थी। श्रद्धालु भगवान की पूजा के लिए मंच तक पहुंचने के लिए मचाननुमा सीढ़ियों से चढ़ रहे थे। तभी अचानक मंच का वजन बढ़ने के कारण पूरा मचान भरभराकर नीचे गिर गया, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई।

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मचान की लकड़ी से बचाए गए लोग

हादसे के बाद मौके पर खून से लथपथ श्रद्धालु जमीन पर तड़पते हुए दिखाई दिए। स्थानीय लोग अपनी जान की परवाह किए बिना घायलों को उठाकर उन्हें अस्पताल पहुंचाने का प्रयास कर रहे थे। किसी तरह मचान की टूटती लकड़ियों को इकट्ठा कर श्रद्धालुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया गया। हादसा इतना भयावह था कि घटनास्थल पर किसी प्रकार के उचित इंतजामात नहीं थे।

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पुलिस और प्रशासन की तत्परता

इस हादसे के बाद बागपत के एसपी अर्पित विजयवर्गीय ने बताया कि यह कार्यक्रम हर साल आयोजित किया जाता है और इसमें देशभर से जैन समुदाय के लोग जुटते हैं। फिलहाल, घायलों को बड़ौत सीएचसी और आसपास के प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। जिला अस्पताल को अलर्ट कर दिया गया है और चिकित्सक व पुलिस कर्मचारियों को इमरजेंसी सेवाओं के लिए तैनात किया गया है।

650 साल पुराना जैन मंदिर

बागपत जिले के बड़ौत में स्थित श्री दिंगबर जैन मंदिर करीब 650 साल पुराना है। इस मंदिर में सात वेदियां हैं, जिन पर अलग-अलग तीर्थंकरों की मूर्तियां स्थापित हैं। भगवान आदिनाथ की प्रतिमा पहले वेदी पर विराजमान है, और यहां बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग दर्शन करने के लिए आते हैं। निर्वाण महोत्सव में शामिल होने के लिए दूर-दराज से लोग इस मंदिर में पहुंचे थे।

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