सार

उद्घाटन के एक साल के भीतर ही अयोध्या का राम मंदिर देश का नंबर 1 पर्यटन स्थल या भक्तों का पसंदीदा दर्शनीय स्थल बनकर उभरा है। जनवरी और सितंबर 2024 के बीच उत्तर प्रदेश में लगभग 47 करोड़ पर्यटकों ने दौरा किया।

अयोध्या :  अयोध्या का नाम सुनते ही सबसे पहले रघुकुल तिलक, दशरथ नंदन, मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु रामचंद्र की जन्मस्थली का ध्यान आता है। पिछले एक साल से अयोध्या देश का ध्यान अपनी ओर खींच रही है। सांस्कृतिक, आध्यात्मिकता की राजधानी उत्तर प्रदेश में अब अयोध्या देश का ध्यान अपनी ओर खींच रही है। इसकी वजह है रामलला का भव्य मंदिर। भव्य मंदिर के उद्घाटन को एक साल पूरा हो गया है और वहां क्या-क्या विकास हो रहा है, इस पर एक नज़र।

पहली वर्षगांठ पर धूमधाम से कार्यक्रम

22 जनवरी 2023 को भव्य मंदिर का उद्घाटन हुआ था। लेकिन हिंदू पंचांग के अनुसार इस खुशी को 11 जनवरी को एक साल पूरा हो रहा है। इसी के मद्देनजर 11 से 13 जनवरी तक प्राण प्रतिष्ठा वार्षिकोत्सव (प्रतिष्ठा द्वादशी) का आयोजन किया गया है। पहले दिन सुबह 11 बजे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बाल राम का अभिषेक करेंगे। मंदिर के पास अंगद तीला में सांस्कृतिक कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे। साथ ही, प्रसिद्ध गायकों के भक्ति गीत भी जारी किए जाएंगे। ट्रस्ट ने देशभर के संतों और भक्तों को निमंत्रण भेजा है।

अयोध्या देश का नंबर 1 पर्यटन स्थल

उद्घाटन के एक साल के भीतर ही अयोध्या का राम मंदिर देश का नंबर 1 पर्यटन स्थल या भक्तों का पसंदीदा दर्शनीय स्थल बनकर उभरा है। जनवरी और सितंबर 2024 के बीच उत्तर प्रदेश में लगभग 47 करोड़ पर्यटकों ने दौरा किया। इनमें से 13.3 करोड़ पर्यटकों ने अकेले अयोध्या का दौरा किया। इनमें 3,153 विदेशी भी शामिल हैं। मंदिर ने राज्य के पर्यटन के नक्शे को ही बदल दिया है। त्योहारों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। दीपावली के मौके पर सरकार ने सरयू नदी के तट पर 22 लाख दीये जलाकर गिनीज रिकॉर्ड बनाया। राम मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था के लिए दुनिया के सर्वोच्च पुरस्कारों में से एक प्रतिष्ठित 'स्वॉर्ड ऑफ ऑनर' पुरस्कार राम मंदिर को मिला है।

इस साल पूरा होगा मंदिर

अभी उद्घाटन हुआ राम मंदिर अभी पूरी तरह तैयार नहीं है। राम मंदिर परिसर का कुल क्षेत्रफल 72 एकड़ है। इसमें से पहले लगभग 3 एकड़ क्षेत्र में सिर्फ राम मंदिर का निर्माण हुआ है। इसे 1800 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। मंदिर 250 फीट चौड़ा और 161 फीट ऊंचा है। अयोध्या राम मंदिर का मुख्य मंदिर ही 2.67 एकड़ क्षेत्र में फैला है। भक्तों को 32 सीढ़ियां चढ़कर मंदिर में प्रवेश करना होगा। जमीनी स्तर से सिंह द्वार 16.11 फीट ऊंचा है। अयोध्या में नागर शैली में बना मंदिर। इसमें 5 मंडप हैं और गर्भगृह के ऊपर एक विशाल शिखर बनाया गया है। यह 3 मंजिला है। मंदिर में गर्भगृह, जगमोहन या मंडप, शिखर और गर्भगृह के ठीक सामने देवता का वाहन है।

पूरे परिसर को कई चरणों में पूरा किया जाएगा। श्रीराम कुंड यज्ञशाला, पूजा कर्मकांड के लिए कर्म क्षेत्र, रामांगण चित्रमंदिर, विशाल हनुमान प्रतिमा, संग्रहालय, रामायण पुस्तकालय, सप्तऋषियों के 7 मंदिर, सीता, वाल्मीकि सहित कई मंदिर, श्रीराम की पत्नी, सीता माता के लिए राम पुष्करणी, सभागार और कल्याण मंडप, पशु चिकित्सा सुविधा, लवकुश मैदान, लक्ष्मण वाटिका फव्वारा सहित कई अन्य परियोजनाएं प्रगति पर हैं। यह सब पूरा होकर साल के अंत तक नया रूप ले लेगा।

मंदिर से बदल गई अयोध्या नगरी

राम मंदिर के उद्घाटन के बाद सिर्फ मंदिर का ही स्वरूप नहीं बदला है। बल्कि आसपास के गांवों में भी नई रौनक आ गई है। पूरी अयोध्या नगरी को नया रूप दिया गया है। सरयू नदी से राम मंदिर को जोड़ने के लिए 13 किमी लंबा रामपथ बनाया गया है। इसे नया रूप दिया गया है। इसके लिए 50 हजार करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। अयोध्या में सुसज्जित रेलवे स्टेशन, अत्याधुनिक हवाई अड्डा, चौड़ी सड़कें बनाई गई हैं। कुल मिलाकर अयोध्या अपनी नई चमक से लोगों को आकर्षित कर रही है।

कन्नडिगा के हाथों में खिले रामलला

अयोध्या राम मंदिर की मुख्य प्रतिमा को मैसूर के अरुण योगिराज ने तराशा है। प्रतिमा बनाने के लिए तीन लोगों का चयन किया गया था। इनमें कन्नडिगा अरुण योगिराज, उत्तर कन्नड़ के होन्नावर के इडगुंजी के गणेश भट्ट और राजस्थान के एक अन्य शिल्पकार शामिल थे। इनमें से अंततः अरुण द्वारा बनाई गई प्रतिमा को चुना गया। यह 51 इंच ऊंची है। भगवान श्रीराम 5 साल के बच्चे के रूप में धनुष-बाण लिए हुए हैं।

500 साल का इंतजार खत्म

राम जन्मभूमि आंदोलन का इतिहास मुगल बादशाह बाबर के समय से शुरू होता है। 1528 में मंदिर को तोड़कर बाबरी मस्जिद बनाई गई थी। 1858 में निर्मोही अखाड़े के रघुबर दास पहली बार कोर्ट गए। इस पर लंबी सुनवाई चली और विवादित बाबरी मस्जिद स्थल रामलला की जमीन होने का ऐतिहासिक फैसला 9 नवंबर 2019 को तत्कालीन CJI रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनाया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2020 को मंदिर निर्माण की आधारशिला रखी। साढ़े तीन साल तक काम चला, पहला चरण पूरा हुआ और उद्घाटन हुआ। लगभग 1,800 करोड़ रुपये की लागत से मंदिर बना।

आज से 3 दिन क्या-क्या कार्यक्रम? 

• 11 जनवरी को पहला दिन प्रतिष्ठा द्वादशी का आरंभिक दिन, पिछले साल के 'प्राण प्रतिष्ठा' कार्यक्रम की तरह ही कार्यक्रम शुरू 
• 'पंचामृत' और सरयू जल से अभिषेक सुबह 10 बजे शुरू • उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अविंद रामलला का अभिषेक करेंगे. 
• पहली आरती दोपहर 12.20 बजे होगी 
• रामलला को दिल्ली में बने सोने और चांदी के धागों से बनी खास पीतांबरी से सजाया जाएगा 
• फिर 3 दिन तक मंडप और यज्ञशाला में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान, हवन, शास्त्रीय सांस्कृतिक कार्यक्रम, विभिन्न रस्में और दैनिक रामकथा प्रवचन होंगे 
• 110 गणमान्य व्यक्ति, आम लोगों सहित 5000 लोगों को कार्यक्रम देखने का मौका