सार
waqf bill latest news : राजस्थान में वक्फ संशोधन बिल पर कांग्रेस और बीजेपी में ज़ुबानी जंग तेज़ हो गई है। कांग्रेस ने बीजेपी पर आरएसएस का एजेंडा चलाने का आरोप लगाया, जबकि बीजेपी ने पारदर्शिता की बात कही है।
जयपुर. राजस्थान में वक्फ संशोधन बिल (waqf amendment bill) को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। कांग्रेस और बीजेपी के बीच तीखी बयानबाजी हो रही है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि "70 साल में इसकी आवश्यकता नहीं पड़ी, लेकिन अब बीजेपी हिंदू-मुस्लिम करने में जुटी है। यही आरएसएस का एजेंडा है।"
'ईद पर किट बांटने वाली बीजेपी अब धार्मिक ध्रुवीकरण कर रही'
डोटासरा ने आगे कहा कि चुनावी लाभ के लिए बीजेपी इस तरह के मुद्दे उठाती है। उन्होंने बिहार चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि "ईद पर किट बांटने वाली बीजेपी अब धार्मिक ध्रुवीकरण की राजनीति कर रही है।"
राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष सीपी जोशी का पलटवार
- राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष सीपी जोशी ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस वक्फ बोर्ड के नाम पर तुष्टीकरण की राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा, "वक्फ संपत्तियों पर पारदर्शी प्रशासन जरूरी है, लेकिन कांग्रेस बिना वजह इसे राजनीतिक रंग दे रही है।"
- वहीं, बीजेपी नेता जयंत शर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा तुष्टीकरण की राजनीति की है। उन्होंने कहा, "कानून में संशोधन करने की जरूरत है, ताकि पारदर्शिता बनी रहे, लेकिन कांग्रेस सिर्फ राजनीति कर रही है।"
क्या है वक्फ संशोधन बिल?
वक्फ संशोधन बिल का मकसद वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाना और अवैध कब्जों को रोकना है। बीजेपी का दावा है कि यह कानून किसी समुदाय विशेष के खिलाफ नहीं है, बल्कि सरकारी संपत्तियों की सुरक्षा के लिए लाया गया है।
चुनावी रणनीति या सुधार?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुद्दा आगामी लोकसभा चुनावों को देखते हुए गरमाया जा रहा है। कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही इसे अपने-अपने पक्ष में भुनाने की कोशिश कर रही हैं। जहां कांग्रेस इसे सांप्रदायिक राजनीति से जोड़ रही है, वहीं बीजेपी इसे प्रशासनिक सुधार बता रही है।
आने वाला समय होगा दिलचस्प
आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह मुद्दा किस ओर मुड़ता है और क्या यह जनता के हित में कोई ठोस बदलाव ला पाएगा या फिर सिर्फ चुनावी हथकंडा बनकर रह जाएगा।