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वायरल हुआ पीपल की शादी का निमंत्रण कार्ड, हैरान करने वाली है इसके पीछे की वजह, देखें दिलचस्प Photos

आमतौर पर हम सबने अशुभ संकेत या बुरे ग्रह-नक्षत्रों को टालने लड़की का कुत्ते से विवाह या मेंढक-मेंढकी की शादी के किस्से बहुत सुने होंगे, लेकिन राजस्थान में पीपल के पेड़ की शादी का मामला मीडिया की सुर्खियां में है। 

Contributor Asianet | Updated : May 05 2023, 10:25 AM
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Image Credit : social media

जोधपुर. आमतौर पर हम सबने अशुभ संकेत या बुरे ग्रह-नक्षत्रों को टालने लड़की का कुत्ते से विवाह या मेंढक-मेंढकी की शादी के किस्से बहुत सुने होंगे, लेकिन राजस्थान में पीपल के पेड़ की शादी का मामला मीडिया की सुर्खियां में है। यह शादी बुद्ध पूर्णिमा यानी 5 मई को रखी गई। मामला जोधपुर से करीब 90 किमी दूर केतु गांव का है। यहां पीपल की शादी के लिए बकायदा कार्ड छपवाए गए हैं। जिनमें पर लिखा गया-पीपल रो ब्याव यानी पीपल की शादी। यह शादी ठीक उसी रीति-रिवाज और हर्ष-उल्लास से होती है जैसे किसी बेटी की।

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पीपल की शादी केतु गांव के लालाराम कुलरिया परिवार की ओर से कराई गई है। इसमें शामिल होने दूर-दूर से यानी हैदराबाद तक से मेहमान पहुंचे।

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पीपली का रिश्ता गांव से 3 किमी दूर स्थित एक मंदिर में विराजे ठाकुर जी के साथ कराया गया। बकायदा पंडित को बुलाकर शुभ मूहुर्त निकाला गया था।

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यह शादी इसलिए भी चर्चा का विषय बनी हुई है, क्योंकि इसमें गांव और बाहर के करीब 500 लोगों का कार्ड बांटे गए। एक रिसेप्शन भी रखा गया।

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पीपली की विदाई ठीक उसी तरह करने का प्लान बनाया गया था, जैसे किसी बेटी की की जाती है।

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हुआ यूं था कि जोधपुर शहर के सरस्वती नगर में रहने वाले कुलरिया परिवार के घर में 2017 में गमले में पीपल और पीपली उग आए थे। घर में पीपल के पेड़ शुभ नहीं माने जाते हैं।

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कुलरिया परिवार ने पीपल के पेड़ों को काटकर फेंकने के बजाय उन्हें ले जाकर अपने गांव में रोप दिया। अब गांव में इनका परिवार पेड़ों को ख्याल रखता है।

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इन पीपल के पेड़ से कुलरिया परिवार का जैसे गहरा रिश्ता जुड़ चुका है।

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गांव के बुजुर्ग कहते हैं कि पीपल को भगवान का रूप माना जाता है। गांव का मंदिर 400 साल पुराना माना जाता है।

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पीपली का कन्यादान लालाराम कुलरिया और उनकी पत्नी देवी ने किया है।

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