सार

राजस्थान में आए दिन जातिगत भेदभाव की खबर सामने आती रहती हैं। जहां दबंगों का आतंक दलित दूल्हों पर इस कदर होता है कि वह घोड़ी पर सवार होकर बारात नहीं लगा सकते। लेकिन जालोर में जो देखने को मिला उसके लिए आप पुलिसवालों को सलाम करेंगे।

जालोर, राजस्थान: जालोर जिले के सांचौर तहसील के हरियाली गांव में 18 फरवरी की रात जातिगत भेदभाव का चौंकाने वाला मामला सामने आया। दलित समाज के दूल्हे सुनील कुमार को जबरन घोड़ी से उतारने और बारात रोकने का आरोप बलवंत सिंह, महिपाल सिंह समेत 5 लोगों पर लगा है। पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

राजस्थान में दबंगों ने दलित दूल्हे को घोड़ी से उतारा

  • रात करीब 9:30 बजे जब दूल्हा सुनील कुमार घोड़ी पर बैठकर तोरण की रस्म निभा रहा था, तभी आरोपी दो गाड़ियों में वहां पहुंचे। उन्होंने बारातियों के साथ मारपीट की, दूल्हे के पिता भागीरथ को थप्पड़ मारा और जातिसूचक गालियां दीं। आरोपियों का कहना था कि बिना उनकी इजाजत के दलित दूल्हे की घोड़ी पर चढ़ने की हिम्मत कैसे हुई। 
  • आरोपियों ने न केवल दूल्हे को घोड़ी से उतारा बल्कि घोड़ी भी जबरन ले गए। जाते-जाते धमकी दी कि अगर उनके खिलाफ केस किया तो दूल्हे और उसके परिवार को गांव में घुसने नहीं देंगे। यहां तक कि लड़की के परिवार को भी गांव से निकालने की धमकी दी।

जालोर पुलिस की निगरानी में हुई पूरी शादी

घटना की सूचना मिलते ही जालोर पुलिस हरकत में आई। पुलिस ने 3 आरोपियों को हिरासत में लिया और मामला दर्ज किया। जब यह खबर प्रशासन तक पहुंची, तो अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंची। आरोपी पक्ष ने घोड़ी वापस लाकर माफी मांगी, जिसके बाद पुलिस की मौजूदगी में दूल्हे को फिर से घोड़ी पर बिठाकर शादी की रस्म पूरी करवाई गई।

राजस्थान में जातिगत भेदभाव बहुत ज्यादा

यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिससे राजस्थान में जातिगत भेदभाव पर बहस छिड़ गई। दलित संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और आरोपियों पर कानूनी शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है।

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