सार
उदयपुर में मंदिर विवाद को लेकर पंचों ने एक परिवार पर अनोखा फैसला सुनाया है। जिसकते तहत उन्हें मंदिर में भगवान के दर्शन करने पर 11 लाख का जुर्माना देना होगा।
उदयपुर. प्रतापनगर थाना क्षेत्र के टीलाखेड़ा भोईयों की पचोली में मंदिर विवाद को लेकर समाज के पंचों ने कड़ा फैसला सुनाया। एक परिवार को समाज से बहिष्कृत करने के साथ ही 11 लाख रुपए का दंड लगाने का फरमान जारी कर दिया। इस फैसले के खिलाफ पीड़ित पक्ष ने 12 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।
क्या है उदयपुर का चारभुजाजी मंदिर विवाद
मंदिर विवाद के चलते हुआ विवाद टीलाखेड़ा भोईयों की पचोली निवासी भंवरलाल भोई ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई कि समाज के ही कुछ लोग चारभुजाजी मंदिर को लेकर विवाद कर रहे हैं। यह मामला 10 जुलाई 2024 को तब उभरकर आया, जब चारभुजा मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के दौरान विवाद हुआ। सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और मौका पर्चा तैयार किया गया।
समाज से बहिष्कृत करने का फरमान जारी
पंचायत का फरमान: बहिष्कार और भारी जुर्माना इसके बावजूद 20 फरवरी 2025 को समाज के पंचों ने एक पंचायत बुलाई और पीड़ित परिवार को समाज से बहिष्कृत करने का फरमान जारी कर दिया। पंचायत चौक में दंड के रूप में 11 हजार रुपए वसूले गए, जिसे भींडर निवासी गोवर्धन भोई और बड़ीसादड़ी निवासी पुष्कर के पास जमा कराया गया। इस लेन-देन की बाकायदा लिखा-पढ़ी भी की गई।
इन 44 परिवारों से वसूले जाएंगे लाख रुपए दंड
जातिगत भेदभाव और दबाव का आरोप पीड़ित पक्ष ने आरोप लगाया कि समाज के कुछ लोग जातिगत भेदभाव कर रहे हैं और जबरन दबाव बनाकर समाज से बाहर करने के फैसले थोप रहे हैं। यहां तक कि पंचों ने यह भी तय किया कि 44 परिवारों से 11-11 लाख रुपए दंड के रूप में वसूले जाएंगे। पीड़ितों को मंदिर में जाने से भी रोका जा रहा है। पुलिस में मामला दर्ज, जांच जारी पीड़ित पक्ष की शिकायत पर पुलिस ने 12 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी गई है। प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले रहा है, ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके और सामाजिक भेदभाव जैसी घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।