सार

बाड़मेर के अमृता हाट मेले में एक विक्रेता का नाम सुनकर अधिकारी हंसने लगे। कलेक्टर टीना डाबी के नाम का संयोग बना हंसी का कारण। मेले में महिलाओं के हुनर और आत्मनिर्भरता की झलक भी देखने को मिली।

बाड़मेर में टीना डाबी बेंच रही पर्स-बैग,  चौंक गए अधिकारी ,फिर हंसने लगे....

राजस्थान: बाड़मेर में अमृता हाट मेले का खास आयोजन

बाड़मेर. राजस्थान के बाड़मेर जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित अमृता हाट मेले का आगाज़ हुआ, जिसमें महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके उत्पादों को प्रोत्साहन देने का प्रयास किया गया। यह मेला 1 से 5 जनवरी तक चल रहा है और इसमें राज्य के विभिन्न जिलों से आईं महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों ने अपने उत्पादों की स्टॉल लगाई हैं। लेकिन इस मेले में जिले की कलेक्टर टीना डबी के नाम को लेकर एक ऐसा वाकया हुआ कि सीनियर अफसरों की हंसी नहीं रूकी। वह ठहाके मार-मारकर हंसते रहे।

टीना डाबी के जिले में एक अनोखा वाकया

मेले के निरीक्षण के दौरान राज्य सरकार के सचिव महेंद्र सोनी ने बैग-पर्स वाले स्टॉल पर पहुंचे थे। जहां वह लड़की चिल्ला-चिल्लाकर समान बेंच रही थी। जब अधिकारी ने इस लड़की से उसका नाम पूछा तो उसने जवाब दिया, "मेरा नाम टीना डाबी है।" इस जवाब को सुनकर सचिव और अन्य अधिकारियों के बीच हंसी का माहौल बन गया, क्योंकि बाड़मेर की जिला कलेक्टर का नाम भी टीना डाबी है।

लड़की ने बताया क्यों मेरा नाम है टीना डाबी

जिज्ञासावश सचिव ने दोबारा नाम पूछा, और युवती ने वही उत्तर दिया। पास खड़े अधिकारियों ने हंसी को संभालते हुए युवती को स्थिति समझाई। महिला अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक प्रहलाद सिंह ने कहा, "कलेक्टर मैडम का नाम भी टीना डाबी है, इसलिए यह मजेदार संयोग बन गया। इसमें कुछ गलत नहीं है। नाम रखना हर व्यक्ति का अधिकार है।" तो लड़की ने कहा-टीना मेरा नाम है और डाबी मेरा गोत्र है। इसलिए मेरा नाम टीना डाबी है।

महिलाओं को आत्मनिर्भर के लिए लगा मेला

मेले का आयोजन महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय, स्टेशन रोड पर किया गया है। इसमें महिलाओं द्वारा तैयार किए गए हस्तशिल्प, पारंपरिक परिधान, जैविक उत्पाद और खानपान सामग्री को प्रदर्शित किया गया है। इस आयोजन का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उनके कौशल को मंच प्रदान करना है।

महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत

इस घटना ने न केवल मेले में एक हल्का-फुल्का माहौल बनाया, बल्कि यह संदेश भी दिया कि महिलाओं को आत्मनिर्भरता और पहचान के लिए अपने प्रयासों पर गर्व करना चाहिए। अमृता हाट मेला राजस्थान में महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है, जहां वे अपनी मेहनत और कौशल से नए अवसर तलाश रही हैं।

इस तरह के आयोजनों से महिलाओं को न केवल आर्थिक सहयोग मिलता है, बल्कि सामाजिक पहचान भी मजबूत होती है। बाड़मेर का यह आयोजन निश्चित रूप से महिला सशक्तिकरण की दिशा में प्रेरणादायक साबित हो रहा है।