सार

राजस्थान के करौली की खुशी ने पहले ही प्रयास में असिस्टेंट प्रोफेसर की परीक्षा पास कर ली है। 8-10 घंटे की पढ़ाई और योग-ध्यान से मिली सफलता। माता-पिता भी प्रोफेसर हैं।

जयपुर. हमेशा कहा जाता है कि सफलता किस समय आ जाए किसी को पता नहीं चलता। कोई लाख मेहनत के बावजूद सफलता हासिल नहीं कर पाता और कोई कुछ समय में ही सफलता हासिल कर लेता है। कुछ ऐसा ही हुआ है राजस्थान की करौली की रहने वाली खुशी के साथ। जो पहले ही प्रयास में असिस्टेंट प्रोफेसर बन चुकी है। हाल ही में जारी हुए असिस्टेंट प्रोफेसर के रिजल्ट में इन्होंने पूरे प्रदेश में पांचवी रैंक हासिल की है। अब वह इंग्लिश की असिस्टेंट प्रोफेसर बनेगी।

माता-पिता के बाद अब बेटी भी प्रोफेसर....

खुशी असिस्टेंट प्रोफेसर की पोस्ट को लेकर किसी स्कूल टीचर से मोटिवेट नहीं हुई। बल्कि अपने माता-पिता को देखकर उसने असिस्टेंट प्रोफेसर एग्जाम की तैयारी की है। खुशी के माता-पिता भी करौली के सरकारी कॉलेज में बॉटनी सब्जेक्ट के प्रोफेसर है।

रोजाना 8 से 10 घंटे की पढ़ाई

खुशी बताती है कि उसने घर पर रहकर ही तैयारी की। रोजाना वह 8 से 10 घंटे की पढ़ाई करती थी। हालांकि पढ़ाई के बीच वह ब्रेक में योग और मेडिटेशन भी करती थी। जिससे वह खुद को रिलैक्स महसूस करती थी। खुशी बताती है कि उसने मेडिटेशन को अपनी रूटीन लाइफ का हिस्सा बना लिया था।

तनाव मुक्त होकर करें तैयारी

मेडिटेशन एक ऐसा जरिया है। जिससे आप खुद को तनाव से दूर रख सकते हो। खुशी बताती है कि अब वह साहित्य को बढ़ावा देने के लिए काम करेगी। क्योंकि वर्तमान में हम देखते हैं कि डिजिटल क्रांति के युग में लोगों का साहित्य के प्रति रुझान काफी कम हो चुका है। ऐसे में उनका प्रयास रहेगा कि वह साहित्य के क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा काम कर सके।

माता और पिता डाउट सॉल्व करवाते थे

खुशी का कहना है कि उसकी इस सफलता के पीछे सबसे बड़ा हाथ उनके परिवार का है। माता-पिता सरकारी नौकरी में होने के बावजूद भी खुशी को पूरा समय देते। माता और पिता खुद खुशी के डाउट सॉल्व करवाते थे।

 

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