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भारत-पाक जंग के बीच मां को सलाम: बेटा तिरंगे में लिपटा तो बहू को सेना में भेजा

Story of Mother's Day 2025 : भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान, वीर सपूतों की माताओं ने देश की सुरक्षा के लिए अपने बेटों को सेना में भेजा और उनके बलिदान की गौरवगाथा को जानें। मांओं ने अपने बेटों, यहां तक कि बेटियों को भी सेना में भेज दिया।

Arvind Raghuwanshi | Updated : May 11 2025, 12:01 PM
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भारत-पाकिस्तान जंग के बीच मां की कहानियां
Image Credit : Asianet News

भारत-पाकिस्तान जंग के बीच मां की कहानियां

सीकर. MOTHERS DAY 2025 :आज 11 मई 2025 यानी मई माह के दूसरे रविवार को मातृ दिवस यानी मदर्स डे मनाया जा रहा है। दूसरी तरफ भारत-पाकिस्तान के बीच जंग चल रही है। इसी दौरान जानिए उन वीर सपूतों की मांओं की कहानी. जो देश की सुरक्षा की खातिर अपने बेटों को फौज में भेजकर भारत माता के लिए कुर्बान कर देती हैं. 

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मां ने इकलौते बेटे को बड़ा कर सेना में भेजा
Image Credit : Asianet News

मां ने इकलौते बेटे को बड़ा कर सेना में भेजा

राजसमंद जिले की रहने वाले ओंकार सिंह ऑपरेशन ब्लू स्टार में शहीद हुए। उस समय बेटा सिर्फ दो साल का था और वह भी इकलौता। मां ने बेटे को बड़ा कर सेना में भेजा। आज लक्ष्मण सिंह कश्मीर में तैनात हैं।

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एक बेटा शहीद हुआ तो बोली-दूसरे को भेजूंगी
Image Credit : Asianet News

एक बेटा शहीद हुआ तो बोली-दूसरे को भेजूंगी

अजमेर जिले के रूपनगढ़ कस्बे की रहने वाली 70 साल ढाका देवी के 23 साल के बेटे हेमराज एलओसी पर शहीद हुए। मां गेलेंट्री लेने पहुंची तो कहा दूसरे बेटे को भी सेना में भेजना चाहती हूं।

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चाचा-मामा शहीद हुए तो मां ने बेटे को फौज में भेजा
Image Credit : Asianet News

चाचा-मामा शहीद हुए तो मां ने बेटे को फौज में भेजा

चाचा-मामा शहीद हुए फिर भी बेटे को फौज में भेजा। झुंझंनूं जिले के बुहाना तहसील में रहने वाले अजय सिंह आतंकी हमले में शहीद हुए। मां ने कहा कि बहू को भी फौज के लिए तैयार कर रहे हैं।

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पति शहीद हुए तो मां ने बेटी को फौज में भेजा
Image Credit : Asianet News

पति शहीद हुए तो मां ने बेटी को फौज में भेजा

 सीकर जिले के अजीतगढ़ कस्बे में रहने वाली मधु शर्मा के पति पूरण शर्मा सिचाचिन में शहीद हुए। मधु ने अपनी पति के गौरव के लिए बेटी मधु शर्मा को मां ने सेना में भेजा। बेटी आज मेजर के पद पर है।

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बेटा घायल फिर भी मां ने सेना में भेजा
Image Credit : Asianet News

बेटा घायल फिर भी मां ने सेना में भेजा

सीकर के ही रामपुरा गांव में रहने वाले भागीरथ के सेना में गंभीर रूप से घायल होने के बाद भी मां ने बेटे विनोद को सेना में भेजा। वे पांच साल बाद ही कारगिल युद्ध में शहीद हो गए।

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कारगिल युद्ध में हुए शहीद
Image Credit : Asianet News

कारगिल युद्ध में हुए शहीद

 झुंझुनूं जिले के खेतड़ी कस्बे में रहने वाली संतोष देवी के पति रामकरण कारगिल युद्ध में शहीद हुए तो भी उन्होनें अपने बेटे को फौज में भेजा। बेटा राजकुमार अब बॉर्डर पर तैनात है।

Arvind Raghuwanshi
About the Author
Arvind Raghuwanshi
अरविंद रघुवंशी, 2012 से पत्रकारिता जगत में कार्यरत हैं। 2019 से एशियानेट न्यूज हिंदी में बतौर सीनियर चीफ सब एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं और स्टेट टीम को लीड कर रहे हैं। उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय (MCU) से मास्टर ऑफ जर्नलिज्म (MJ) किया है। उन्हें नेशनल, पॉलिटिक्स, क्राइम और फीचर स्टोरीज में लिखना पसंद है। जर्नलिज्म में 13 साल का अनुभव है। वह दैनिक भास्कर, पत्रिका, राष्ट्रीय हिंदे मेल जैसे मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। Read More...
 
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