सार
चुरू, आज का युग डिजिटल है, गांव से शहर तक लोगों की लाइफ स्टाइल बदल चुकी है। लेकिन अभी भी राजस्थान में लोग अंधविश्वास के चक्कर में फंसे हुए हैं। चोटिल होने पर या अन्य कोई परेशानी होने पर लोग डॉक्टर की बजाय अंधविश्वास फैलाने वाले लोगों के पास जाते हैं। जिससे जिंदा बचने वाले शख्स की और मौत हो जाती है। कुछ ऐसा ही मामला चुरू जिले से सामने आया है।
शर्मनाक है चुरू की यह घटना
चुरू में एक 72 साल के बुजुर्ग को सांप ने डंस लिया। परिवार के लोग उसे अस्पताल ले जाने की बजाय झाड़ा लगवाने के लिए ले गए। और इसके बाद बुजुर्ग को दो दिन तक अपने घर पर रखा लेकिन बुजुर्ग की तबीयत बिगड़ने लगी तो उन्हें नजदीकी अस्पताल लेकर गए। अस्पताल स्टाफ के मुताबिक जब बुजुर्ग ओंकारमल को अस्पताल लाया गया तो उन्हें सांप के डंसे हुए 2 दिन का समय बीत चुका था। उनकी हालत बहुत ज्यादा खराब थी। ऐसे में बुजुर्ग ओंकारमल की मौत हो गई। अस्पताल स्टाफ का इस मामले में कहना है कि परिजन बुजुर्ग के साथ उसे काटने वाले सांप को भी मटके में डालकर हॉस्पिटल लेकर पहुंचे थे।
राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में होता जिंदगी से खिलवाड़
अमूमन आज भी राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसा ही होता है कि जब कोई सांप किसी आदमी को घायल करता है तो आसपास के लोग उस सांप को भी पकड़कर अस्पताल लेकर जाते हैं। जिससे कि पता चल सके कि आखिर जिस सांप ने काटा है वह कौन सी प्रजाति का है।
जानिए जानकारों की क्या है राय
मामले में एक्सपर्ट्स का कहना है कि जब भी ऐसी कोई घटना हो तो तुरंत नजदीकी अस्पताल लेकर जाए जिससे कि शरीर में जहर फैलने से रोका जा सके और समय पर इलाज करवाया जा सके। अन्यथा झाड़ फूंक के चक्कर में पड़कर जिंदगी बर्बाद ना करें।
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