सार

ranveer allahbadia news इंडिया गॉट लेटेंट शो पर अश्लील टिप्पणियों के आरोप में समय रैना, रणवीर इलाहाबादिया समेत कई लोगों पर केस दर्ज। पुलिस जांच जारी, शो बंद करने की मांग उठ रही है।

जयपुर. भारत में डिजिटल कंटेंट को लेकर लगातार बहस बढ़ती जा रही है, और अब इंडिया गॉट लेटेंट (indias got latent) शो को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। शो में महिलाओं और माता-पिता पर की गई कथित अश्लील टिप्पणियों के चलते समय रैना, रणवीर इलाहाबादिया (ranveer allahbadia), आशीष चंचलानी, अपूर्वा माखीजा सहित अन्य कई लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। महाराष्ट्र साइबर सेल ने रणवीर इलाहाबादिया को दोबारा समन भेजा है, जबकि जयपुर में भी इस मामले में एफआईआर दर्ज हो चुकी है।

जयपुर में दर्ज हुआ केस और इंडिया गॉट लेटेंट शो बंद करने की मांग

जयपुर में राजपूताना संघ ने शो के कंटेंट को लेकर समय रैना और अन्य लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। संघ के अध्यक्ष भंवर सिंह रेटा ने आरोप लगाया है कि यह शो समाज में नैतिक मूल्यों को नुकसान पहुंचाने का काम कर रहा है। एफआईआर के अनुसार, शो में मां-बहन को लेकर अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया है, जिससे समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। संघ ने इंडिया गॉट लेटेंट शो को बंद करने की मांग की है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की अपील की है।

जानिए क्या है पूरा रणवीर इलाहाबादिया विवाद

इस मामले में रणवीर इलाहाबादिया को महाराष्ट्र साइबर सेल ने 24 फरवरी को पेश होने के लिए नया समन जारी किया है। इससे पहले भी साइबर सेल ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन वह पेश नहीं हुए थे। समय रैना ने भी साइबर सेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बयान दर्ज कराने की गुजारिश की थी, जिसे अस्वीकार कर दिया गया। साइबर सेल ने उन्हें 18 फरवरी को मुंबई में पेश होने का निर्देश दिया है।

समय रैना अमेरिका से कब लौटेंगे?

समय रैना के वकील ने जानकारी दी है कि वह इस समय अमेरिका में हैं और 17 मार्च को भारत लौटेंगे। साइबर सेल ने पहले भी 17 फरवरी को पेश होने के लिए नोटिस भेजा था, लेकिन रैना के न आने के कारण अब उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

अलाहबदिया के बयान के बाद क्या डिजिटल कंटेंट में होंगे बदलाव?

इंडिया गॉट लेटेंट शो को लेकर विवाद इस बात को दर्शाता है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कंटेंट की निगरानी और सेंसरशिप को लेकर सख्ती बढ़ सकती है। कई संगठनों ने सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर प्रसारित होने वाले कंटेंट को लेकर नियम कड़े करने की मांग की है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह मामला डिजिटल कंटेंट के लिए किसी बड़े बदलाव का कारण बनेगा या फिर यह एक और कानूनी लड़ाई तक सीमित रह जाएगा।

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