सार
रणथंभौर किले में सूर्यास्त के बाद निजी समारोह आयोजित कर एनटीसीए दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया गया। कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीना ने VIP पक्षपात और वन अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाए।
Ranthambore Fort Controversy: रणथंभौर टाइगर रिजर्व के भीतर स्थित ऐतिहासिक रणथंभौर किले में सूर्यास्त के बाद एक निजी VIP समारोह का आयोजन कर दिया गया, जिससे एनटीसीए के दिशा-निर्देशों का सीधा उल्लंघन हुआ। इस समारोह में 10 से अधिक वाहन, जिनमें से कुछ में लाउडस्पीकर लगे थे, किले में घुसे और जश्न मनाया गया, जिससे स्थानीय लोगों और पर्यावरण प्रेमियों में आक्रोश फैल गया।
कृषि मंत्री का विरोध, वन विभाग पर गंभीर आरोप
राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीना को जब इस कार्यक्रम की सूचना मिली, तो उन्होंने मौके पर पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया। मंत्री मीना ने वन अधिकारियों पर वीआईपी पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि, “ग्रामीणों को पूजा करने से रोका जाता है, लेकिन प्रभावशाली लोगों को जंगल के भीतर पार्टी की इजाजत दी जाती है।” उन्होंने एक उदाहरण देते हुए बताया कि एक स्थानीय व्यक्ति को शाम 4:30 बजे भगवान गणेश को कार्ड चढ़ाने से रोक दिया गया, जबकि उसी दिन रात को VIP समारोह की इजाजत दे दी गई।
वन विभाग की कार्रवाई और FIR दर्ज
वन अधिकारियों ने पुष्टि की है कि सात वाहनों को जब्त किया गया है और समारोह में शामिल कई व्यक्तियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। अब यह मामला राज्य स्तर से निकलकर राष्ट्रीय पर्यावरणीय चिंता बनता जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री को पत्र, गहन जांच की मांग
मंत्री मीना ने केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव को पत्र लिखकर इस घटना की एनटीसीए से गहन जांच कराने और दोषी वन अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने इस मुद्दे को शिकार नेटवर्क की संभावित वापसी से जोड़ते हुए कहा कि इस तरह की लापरवाहियाँ वर्षों के संरक्षण प्रयासों को कमजोर कर सकती हैं।
रणथंभौर अधिकारी की चुप्पी
मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) और रणथंभौर फील्ड निदेशक अनूप के.आर. ने अभी तक इस पर कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है, जिससे मामले में और भी रहस्य और विवाद गहराता जा रहा है।