Ramgarh Tiger Reserve News :  रामगढ़ टाइगर रिजर्व में एक बाघ ने 50 से ज़्यादा जानवर खा लिए, जिससे उसका वज़न इतना बढ़ गया कि रेडियो कॉलर टाइट हो गया और उसे साँस लेने में तकलीफ़ होने लगी।

Rajasthan News : रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में पिछले छह माह से एनक्लोजर में रखे गए ढाई वर्षीय बाघ की सेहत पर वन विभाग की टीम की नजर लगातार बनी हुई है। हाल ही में बाघ के गले में लगा रेडियो कॉलर टाइट हो गया, जिससे उसे सांस लेने में कठिनाई होने लगी। समय रहते वन विभाग ने सतर्कता दिखाते हुए जयपुर से विशेषज्ञों की टीम बुलवाई और बाघ को आवश्यक राहत दिलाई।

बाघ इतना मोटा हो गया कि करना पड़ा इलाज....

रेडियो कॉलर से हो रही थी दिक्कत वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बाघ ने बीते छह महीनों में 50 से अधिक चीतल और नीलगाय का शिकार कर लिया है, जिससे उसका वजन काफी बढ़ गया है। इस कारण गले में पहले से लगा रेडियो कॉलर तंग हो गया और उसे सांस लेने में परेशानी होने लगी।

गले में फंसे पुराने रेडियो कॉलर की बदली बैटरी

ट्रेंकुलाइज कर किया उपचार जयपुर से पहुंचे वन्यजीव चिकित्सक डॉ. अरविंद माथुर की टीम ने बाघ को ट्रेंकुलाइज कर पहले उसकी स्वास्थ्य जांच की। इसके बाद गले में फंसे पुराने रेडियो कॉलर को ढीला किया गया और उसकी बैटरी बदली गई। इस प्रक्रिया में एक नया सैटेलाइट बेस्ड रेडियो कॉलर लगाया गया है, जिससे बाघ की मूवमेंट अब रियल टाइम मॉनिटर की जा सकेगी।

अब क्या करेगा राजस्थान वन विभाग

जल्द छोड़ा जाएगा जंगल में वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार बाघ अब पूरी तरह स्वस्थ और युवा अवस्था में है। उसका व्यवहार भी प्राकृतिक रूप से शिकारी हो गया है, जो जंगल में जीवन के लिए आवश्यक होता है। विभाग अब उसे खुले जंगल में छोड़ने की तैयारी कर रहा है। इससे टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या और जैव विविधता को और मजबूती मिलेगी।सतर्कता और तकनीक से सुरक्षा इस घटना ने यह साबित किया है कि वन विभाग बाघों की सुरक्षा और सेहत को लेकर बेहद सतर्क है। तकनीक की मदद से जैसे-जैसे बाघों की निगरानी बेहतर हो रही है, वैसे-वैसे उनके संरक्षण के प्रयास भी मजबूत होते जा रहे हैं।