Rajasthan Police 76th Foundation Day : राजस्थान पुलिस के 76वें स्थापना दिवस पर जानिए IPS दिनेश कुमार एमएन की कहानी, जो निर्दोष होते हुए भी 7 साल जेल में रहे। अब राजस्थान के सुपर कॉप, जानिए उनके जीवन के उतार-चढ़ाव।
जयपुर. आज राजस्थान पुलिस का 76 वां स्थापना दिवस ( Rajasthan Police 76th Foundation Day) है। इस आयोजन में तीन दिन तक हर जिले में अलग-अलग कार्यक्रम चल रहे हैं। राजस्थान में करीब 1 लाख से ज्यादा पुलिस करनी हैं , जिनमें करीब 400 से ज्यादा आईपीएस अधिकारी है। इन आईपीएस अधिकारी में एक आईपीएस दिनेश कुमार एमएन हैं , जिनकी कहानी किसी फिल्म से काम नहीं है ।
आईपीएस दिनेश मूल रूप से कर्नाटक के रहने वाले
मूल रूप से कर्नाटक के रहने वाले आईपीएस दिनेश ने अपने जीवन में जेल यात्रा भी, कि वह भी आईपीएस अधिकारी होते हुए । जबकि वह निर्दोष थे , लेकिन उन्हें यह साबित करने में 7 साल का समय लग गया। अब वो राजस्थान के सुपर कॉप हैं और उन पर पूरे राज्य में अपराध को काबू करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है । वह एडीजी crime के पद पर हैं , आपको बताते हैं उनका जीवन कैसे उतार-चढ़ाव भरा रहा है...।
कौन हैं IPS अफसर दिनेश कुमार एमएन
करीब 55 साल उम्र के आईपीएस दिनेश मूल रूप से कर्नाटक के चिकबल्लापुर जिले के चिंतामणि तहसील में स्थित मुन्नागानाहाली गांव के रहने वाले हैं । उनके पिता वहीं पर तहसीलदार रहे । उनकी पत्नी विजयलक्ष्मी है, जो पीएचडी हैं । दिनेश ने अपने पिता का सपना पूरा करने के लिए सिविल सेवा ज्वाइन करने की तैयारी की और पहले ही प्रयास में हुए सफल हो गए ।
जब आईपीएस को मिला राजस्थान केडर
उन्हें आईपीएस केडर मिला और राजस्थान में पोस्टिंग मिली। राजस्थान में कुछ जिलों में पुलिस अधीक्षक रहे और बाद में पुलिस मुख्यालय ने उन्हें अलग-अलग जिम्मेदारियां दी । उन्होंने सबसे बड़ा केस एक आईएएस अधिकारी का खोला था, जिस पर ढाई करोड़ की रिश्वत का आरोप था । इसके अलावा उदयपुर एसपी रहते हुए उन पर गुजरात के हिस्ट्रीशीटर सोहराबुद्दीन शेख का एनकाउंटर करने का आरोप लगा था । शेख के परिवार ने आरोप लगाया था कि एसपी ने गलत तरीके से शेख की जान ली है , जबकि वह सरेंडर करना चाहता था ।
एसपी रहते हुए गुजरात पुलिस ने किया गिरफ्तार
घटना 2010 -11 की है। इस दौरान आईपीएस दिनेश को उदयपुर का एसपी रहते हुए गुजरात पुलिस ने गिरफ्तार किया और उन्हें 7 साल जेल में बिताने पड़े। लंबी ट्रायल और गवाहों के बयानों के बाद पता चला कि वह निर्दोष हैं । उन्हें 2017 में बरी कर दिया गया । बाद में उन्हें फिर से राजस्थान कैडर मिला और वो राजस्थान में फिर से आईपीएस बने । लेकिन अब उन्हें जिलों में पुलिस अधिकारी नहीं लगाया गया। उन्हें राजस्थान पुलिस की एजेंसियों की जिम्मेदारी सौंपी गई । फिलहाल वे एडीजी है और उन पर राजस्थान में क्राइम रोकने की जिम्मेदारी है। हाल ही में उन्होंने दुबई से एक गैंगस्टर को काबू किया है , यह सबसे बड़ी उपलब्धि है। वे फिलहाल हिमालय यात्रा पर है।