सार
करौली में मीणा समाज की महापंचायत में विवादित घटना पर ऐतिहासिक फैसला। जानिए क्यों दुल्हन पर लगाया गया 11 लाख का जुर्मना।
करौली। राजस्थान के करौली जिले के भैरों बाबा कुश्ती दंगल स्टेडियम में मीणा समाज की महापंचायत का आयोजन किया गया। इस महापंचायत में लगभग 10,000 से अधिक महिला और पुरुषों ने हिस्सा लिया। महापंचायत का मुख्य उद्देश्य समाज में व्याप्त कुरीतियों और परंपराओं पर रोक लगाना थाए साथ ही एक विवादित घटना के बाद समाज में सौहार्द्र बनाए रखने की दिशा में ऐतिहासिक निर्णय लेने की अपील की गई है।
दरअसल महापंचायत का आयोजन मुख्य रूप से रौंसी और करीरी गांवों के बीच हुए एक विवाद के बाद किया गया था। 18 जनवरी को करीरी गांव के कुछ लोग रौंसी गांव में सगाई के लिए गए थे, लेकिन अचानक लड़की पक्ष ने लड़के को नापसंद कर दिया। इसके बाद लड़की पक्ष के परिजनों ने लड़के के भाई के बाल और मूंछ काट दी। इस घटना को लेकर समाज में भारी असंतोष था। इस घटना के वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए गए। महापंचायत में यह मुद्दा प्रमुख रूप से उठाया गया और इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने की अपील की गई।
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11 लाख रुपये का तगड़ा जुर्माना
महापंचायत में टोडाभीम विधायक घनश्याम महर ने समाज के लोगों से ऐतिहासिक निर्णय लेने की अपील की। पंचायत ने रौंसी गांव की घटना पर दोनों पक्षों से बयान लिए और निर्णय लेने के लिए एक 41 सदस्यीय कमेटी गठित की। कमेटी ने सर्वसम्मति से यह फैसला लिया कि लड़की पक्ष पर 11 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाए और यह पैसा पंद्रह दिन के भीतर जमा कराया जाए। इसके अलावा शादी कराने वाले दो बिचौलियों पर भी एक-एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। साथ ही समाज के लोगों का पांच साल तक बहिष्कार करने की सिफारिश भी की गई है। साथ ही जिन पंचों ने निर्णय लिया था, उन्हें 5 साल के लिए समाज से बहिष्कृत कर दिया गया और उन्हें पंचायतों में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस महापंचायत ने मीणा समाज में सुधार लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
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