अजमेर. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में तीर्थयात्रियों पर हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। जहां एक ओर आम जनता सड़कों पर उतरकर इसका विरोध कर रही है, वहीं देश के धार्मिक और आध्यात्मिक नेता भी अब खुलकर इस पर बोलने लगे हैं। अजमेर शरीफ दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने इस हमले को इस्लाम और इंसानियत दोनों के खिलाफ बताया है।

ये हरकत इस्लाम की नहीं, हैवानियत की निशानी

उन्होंने तीखे शब्दों में कहा, "जो लोग धर्म पूछकर इंसानों को मार रहे हैं, वे मुसलमान कहलाने के लायक नहीं हैं। ये हरकत इस्लाम की नहीं, हैवानियत की निशानी है।" दरगाह दीवान ने कहा कि कुरान में कहीं नहीं लिखा है कि किसी निर्दोष को मार दो, वो चाहे किसी भी मजहब का हो। उन्होंने यह भी कहा कि मासूम बच्चों का खून बहाना तो इंसानियत की हत्या है।

‘मोदी जी सर्जिकल स्ट्राइक करनी पड़े, तो पीछे नहीं हटना’

  • सैयद जैनुल आबेदीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करते हुए कहा कि आतंकवाद की जड़ों पर सीधा प्रहार होना चाहिए। उन्होंने कहा, "अगर आतंकियों को पनाह देने वाले इलाकों पर सर्जिकल स्ट्राइक करनी पड़े, तो पीछे नहीं हटना चाहिए।"
  • उन्होंने यह भी जोड़ा कि धारा 370 हटने के बाद कश्मीर में जो अमन लौटा था, वह इन हमलों से बिगाड़ा जा रहा है। इसके पीछे एक सोची-समझी साजिश है ताकि टूरिज्म और तरक्की दोनों को रोका जा सके।

,मजहब को बदनाम करती है ये घटना

दीवान ने अंत में कहा, "धर्म की आड़ में की गई हिंसा, मजहब को बदनाम करती है। अल्लाह से डरो, क्योंकि क़ब्र में कोई पासपोर्ट नहीं पूछा जाएगा, सिर्फ कर्मों का हिसाब होगा।"