सार

राजस्थान के कोटा से एक अनोखा मामला सामने आया है। जहां एक भालू बच्चों के साथ स्कूल चला गया। साथ बैठाया और साथ में लंच भी किया… जानिए फिर क्या हुआ।

कोटा (राजस्थान). गर्मी बढ़ने के साथ ही राजस्थान के कोटा जिले में वन्यजीवों का रिहायशी इलाकों की ओर आना लगातार जारी है। कभी मगरमच्छ तो कभी भालू, ये जंगली जानवर अक्सर सड़कों और गांवों में देखे जा रहे हैं। ताजा मामला शंभूपुरा गांव का है, जहां जंगल से भटककर एक भालू का बच्चा (बेबी बियर) पहुंच गया।

स्कूल के बच्चों ने की भालू की मदद 

  • गांव के पास एक झाड़ी में भालू का बच्चा डरा-सहमा छिपा हुआ था। स्कूल के कुछ छात्रों ने जब उसे देखा, तो वह काफी डरा हुआ नजर आ रहा था। बच्चों को लगा कि कोई अन्य जंगली जानवर उसे नुकसान पहुंचा सकता है, इसलिए वे उसे अपने साथ स्कूल ले आए।
  • स्कूल प्रशासन ने तुरंत इस घटना की सूचना वन विभाग को दी। जिसके बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और भालू के बच्चे को कोटा के अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क भेज दिया गया, जहां उसकी देखभाल की जा रही है।

डेढ़ साल का है भालू का बच्चा

अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क के वनकर्मी बुधराम जाट ने बताया कि यह भालू का शावक लगभग डेढ़ साल का है। वन विभाग ने पहले इसे जंगल में इसकी मां से मिलाने का प्रयास किया, लेकिन काफी देर इंतजार के बाद भी मां नहीं मिली। इसके बाद भालू के बच्चे को वापस बायोलॉजिकल पार्क लाया गया, जहां उसका मेडिकल चेकअप करवाया गया और उसे दूध पिलाया गया। वन विभाग कर रहा है निगरानी वन विभाग के अधिकारी इस भालू के बच्चे पर निगरानी रख रहे हैं और उसकी मां को खोजने का प्रयास जारी है। यदि मां का कोई पता नहीं चलता, तो इसे जंगल में सुरक्षित स्थान पर छोड़ा जाएगा या फिर अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में ही रखा जाएगा।

पहले भी दिखे हैं भालू 

  • हाल ही में मायजा गांव में भी एक भालू देखा गया था, जिससे ग्रामीणों में हलचल मच गई थी। डर के कारण भालू एक नीम के पेड़ पर चढ़ गया और घंटों तक वहीं छिपा रहा। वन विभाग की टीम ने उसे सुरक्षित जंगल में छोड़ा था।
  • वन्यजीवों का मानव बस्तियों में आना पर्यावरणीय असंतुलन को दर्शाता है। गर्मी और भोजन-पानी की तलाश में जंगली जानवर रिहायशी इलाकों का रुख कर रहे हैं। वन विभाग ने लोगों से अपील की है कि अगर कोई जंगली जानवर नजर आए तो तुरंत सूचना दें और खुद कोई कार्रवाई न करें।