सार

राजस्थान के जालोर में एक सरकारी डॉक्टर की जलकर मौत हो गई। पुलिस को आशंका है कि सिगरेट से लगी आग हादसे का कारण बनी। डॉक्टर दो महीने से अकेले रह रहे थे।

जालोर (राजस्थान). जालोर जिले के बिशनगढ़ थाना क्षेत्र में एक सरकारी आयुर्वेद हॉस्पिटल कैंपस में रहने वाले डॉक्टर की संदिग्ध परिस्थितियों में जलकर मौत हो गई। डॉक्टर अपने कमरे में अकेले सो रहे थे, जब यह हादसा हुआ। पुलिस प्राथमिक जांच में इसे दुर्घटना मान रही है, लेकिन अन्य संभावनाओं पर भी विचार किया जा रहा है।

धुएं के कारण हुआ खुलासा

सोमवार सुबह हॉस्पिटल परिसर में स्थित कमरे से धुआं उठता देख स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी। जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था और अंदर पूरी तरह से आग लगी हुई थी। किसी तरह दरवाजा तोड़कर अंदर पहुंचे तो डॉक्टर का शव बुरी तरह झुलसा हुआ मिला।

डॉक्टर अकेले रह रहे थे

मृतक की पहचान डॉक्टर मुरारीलाल मीणा (45) के रूप में हुई, जो पिछले चार वर्षों से उम्मेदाबाद के आयुर्वेद हॉस्पिटल में कार्यरत थे। वे आमतौर पर अपने परिवार के साथ अस्पताल परिसर में बने क्वार्टर में रहते थे, लेकिन पिछले दो महीनों से उनका परिवार जयपुर गया हुआ था।

घुटनों के दर्द से थे परेशान

पुलिस के अनुसार, डॉक्टर मुरारीलाल घुटनों के दर्द से काफी परेशान थे और चलने-फिरने में दिक्कत होती थी। संभावना है कि हादसे के दौरान वे बिस्तर से उठ नहीं पाए, जिससे उनकी मौत हो गई।

स्मोकिंग बनी हादसे की वजह?

पुलिस का मानना है कि आग लगने की वजह डॉक्टर की स्मोकिंग आदत हो सकती है। कमरे में जले हुए बीड़ी-सिगरेट के अवशेष मिले हैं, जिससे अंदेशा है कि जलती हुई बीड़ी से बिस्तर में आग लग गई होगी। हालांकि, पुलिस अन्य कारणों की भी जांच कर रही है।

बिजली कनेक्शन भी था कटा

चौंकाने वाली बात यह है कि जिस कमरे में हादसा हुआ, वहां पिछले एक साल से बिजली कनेक्शन कटा हुआ था। ऐसे में आग लगने की कोई अन्य तकनीकी वजह फिलहाल नजर नहीं आ रही। डॉक्टर मुरारीलाल मीणा का शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस का कहना है कि रिपोर्ट आने के बाद मौत की असली वजह साफ हो पाएगी। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।

 

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