जयपुर के पिता की दरिंदगी का भयानक सच हिडन कैमरे से उजागर! 10-11 साल की नाबालिग बेटियों के साथ कई सालों तक दुष्कर्म, मां की चुप्पी टूटने पर पुलिस-एनजीओ ने मिलकर किया पर्दाफाश। जानिए कैसे समाज के डर को मात देकर न्याय मिला।

Jaipur crime news: जयपुर में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक पिता अपनी ही 10 और 11 साल की नाबालिग बेटियों का कई सालों से दुष्कर्म कर रहा था। इस घिनौनी करतूत में मां समाज और पति के डर से चुप्पी साधे हुए थी। हालांकि, पुलिस और एक एनजीओ की सूझबूझ और आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से आखिरकार इस हैवानियत का पर्दाफाश हुआ और आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह घटना न केवल समाज को झकझोरती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे डर और बदनामी का खौफ पीड़ितों को न्याय मांगने से रोकता है।

बाप की करतूत का कैसे खुला राज?  

मामला तब सामने आया जब 20 जून को बच्चियों को लगातार पेट दर्द की शिकायत के बाद मां उन्हें अस्पताल लेकर पहुंची। डॉक्टरों ने बच्चियों की बिगड़ती हालत और मानसिक तनाव को देखते हुए गहन पूछताछ की। धीरे-धीरे मां ने इस भयानक सच्चाई का खुलासा किया कि उसका पति कई सालों से न केवल अपनी बेटियों का, बल्कि उसका भी शारीरिक शोषण कर रहा था। उसने बताया कि समाज में बदनामी और पति के डर से वह अब तक चुप थी, लेकिन बेटियों की हालत देखकर वह टूट गई थी।

एनजीओ और पुलिस का संयुक्त प्रयास

डॉक्टरों ने तुरंत महिला एनजीओ को सूचना दी. 21 जून को बाल श्रम और बाल यौन हिंसा के खिलाफ काम करने वाली एसोसिएशन फॉर वॉलेंटरी एक्शन (AVA) संस्थान को आसरा फाउंडेशन से इस घटना की जानकारी मिली. एनजीओ ने तुरंत महिला से संपर्क साधा और उसे तथा बच्चियों को एक सुरक्षित स्थान पर ले जाकर काउंसलिंग की। काउंसलिंग के दौरान यह बात सामने आई कि बच्चियां स्कूल में भी गुमसुम रहती थीं। मां ने बताया कि उसने अपने पति को बच्चियों के साथ अश्लील हरकतें करते हुए कई बार पकड़ा था। डॉक्टरी जांच में भी बच्चियों के साथ गलत काम होने की पुष्टि हुई, जिसके बाद एनजीओ ने तुरंत डीसीपी वेस्ट कार्यालय से संपर्क किया।

हिडन कैमरे से दर्ज हुए बयान, हुई गिरफ्तारी

डीसीपी वेस्ट अमित कुमार ने बताया कि शुरुआत में मां मुकदमा दर्ज कराने से कतरा रही थी। समाज और पति के डर ने उसे जकड़ रखा था। इस गंभीर चुनौती को देखते हुए पुलिस ने एक अनूठा एक्शन प्लान बनाया। सीआई चित्रकूट अंतिम शर्मा को एनजीओ की उपस्थिति में महिला और बच्चियों की काउंसलिंग करने के लिए कहा गया, और इस पूरी काउंसलिंग की हिडन कैमरे से वीडियोग्राफी करवाई गई। एनजीओ की रिपोर्ट और हिडन कैमरे में रिकॉर्ड हुए काउंसलिंग के दौरान मिले सबूतों के आधार पर, 22 जून को सदर थाने में आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।

डीसीपी सुलेश चौधरी को सौंपी गई जांच

जांच एडिशनल डीसीपी SIUCAW (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट क्राइम अगेंस्ट वुमेन) सुलेश चौधरी को सौंपी गई। पुलिस ने मजिस्ट्रेट के सामने एनजीओ, सीआई चित्रकूट, बच्चियों और उनकी मां के बयान दर्ज करवाए। इसके बाद मेडिकल बोर्ड से बच्चियों का मेडिकल करवाया गया, जिसमें तथ्यों की पुष्टि हुई। मेडिकल रिपोर्ट और बयानों के आधार पर गुरुवार को आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया गया। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि आरोपी कई सालों से अपनी नाबालिग बेटियों के साथ दुष्कर्म कर रहा था।