kedarnath plane crash accident : जयपुर के पायलट राजवीर सिंह की उत्तराखंड हादसे में दर्दनाक मौत हो गई। किसे पता था कि जिस पायलट को 2000 घंटे प्लेन उडा़ने का अनुभव था वो मशीन की एक गलती और खराब मौसम का एक मिनट उसकी जिदंगी पर भारी पड़ेगा। 

kedarnath plane crash accident : 14 साल की मन्नत , पूजा-पाठ के बाद परिवार में दो जुड़वा बच्चों का आगमन हुआ था , 10 दिन के बाद भव्य आयोजन करने की तैयारी चल रही थी, लेकिन एक फोन बजा और उसने सब तबाह कर दिया । अब परिवार को बच्चों के पिता के पार्थिव शरीर का इंतजार है । जयपुर में रहने वाले पायलट राजवीर सिंह के पिता गोविंद सिंह नम आंखों के साथ इस सच को स्वीकार करने की कोशिश कर रहे हैं , कि अब उनका बेटा दुनिया में नहीं रहा ।

2000 घंटे से भी ज्यादा का फ्लाइंग एक्सपीरियंस

दरअसल, पिछले कुछ दिन से मानो देश को किसी की नजर लगी है पहले अहमदाबाद, उसके बाद उत्तराखंड में बड़ा हादसा हुआ। सात यात्रियों समेत केदारनाथ की ओर जा रहे पायलट राजवीर सिंह इस हादसे का शिकार हुए । सभी की जान चली गई । उन्हें 2000 घंटे से भी ज्यादा का फ्लाइंग एक्सपीरियंस था। देश के दुर्गम इलाकों जैसे सियाचिन, पठानकोट, पंजाब के कई इलाकों में उन्होंने सेवा के कई ऑपरेशन लीड किए थे और राहत पहुंचाई थी । 14 साल तक भारतीय सेना में पायलट थे। रिटायर होने के बाद आर्यन एवियशन नाम की कंपनी पिछले साल सितंबर में ज्वाइन की थी। डेढ़ महीने से ही उन्होंने कंपनी के लिए हेलीकॉप्टर उड़ाना शुरू किया था। सब कुछ सही चल रहा था ।

सबसे बड़ी खुशी के बाद मिला सबसे बड़ा दुख

कुछ महीने पहले ही वह रिटायर होकर पत्नी दीपिका चौहान के साथ घर पहुंचे थे । दीपिका भी सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं।परिवार ने जबरदस्त स्वागत किया था । कुछ दिन बाद ही परिवार को सबसे बड़ी खुशी मिली और बहू ने दो जुड़वा दो बच्चों को जन्म दिया। अगले महीने ही दीपिका को प्रमोशन मिलने वाला है। हर और सिर्फ खुशी ही खुशी थी । इतना ही नहीं बुजुर्ग माता पिता की 30 जून अपनी शादी के 50 पूरे करने जा रहे थे। खुद राजवीर भी इसे सेलिब्रेट करने जयपुर आने वाले थे। लेकिन किसे पता था कि वही बूढ़े मां-बाप अब राजवीर के शव का इंतजार कर रहे हैं । परिवार एक एक पल मुश्किल से बिता पा रहा है। इस हादसे पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा समेत कई राजनेताओं ने दुख व्यक्त किया है ।

कौन थे केदारनाथ प्लेन हादसे के पायलट राजवीर सिंह

  • उत्तराखंड हादसे में जान गंवाने वाले राजवीर सिंह सिर्फ 37 साल के थे । वह बचपन से ही पायलट बनना चाहते थे । पिता ने उनका सपना संभाला और बेटे ने अपनी मेहनत से इसे संवारा । भारतीय सेवा में पायलट बने और वहीं उन्हें दीपिका मिली । दोनों ने शादी की। सब कुछ अच्छा चलता रहा , लेकिन अब मानो परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है ।
  • राजवीर सिंह चौहान का परिवार मूल रूप से राजस्थान के दौसा जिले के महुआ क्षेत्र का रहने वाला था , लेकिन कई साल पहले हुए जयपुर शहर में शिफ्ट हो गए थे । जयपुर के शास्त्री नगर और झोटवाड़ा इलाके में उनके मकान है । फिलहाल परिवार शास्त्री नगर स्थित मकान में रह रहा है ।