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हनुमान जी के 5 मंदिरों की चमत्कारिक कहानीः यहां के पुजारी को खुद बजरंगबली ने दिए थे दर्शन, संजीवनी बूटी से है एक मंदिर का कनेक्शन

जयपुर (jaipur). देशभर में 6 अप्रैल को हनुमान जयंती का पर्व मनाया जा रहा है। अजर अमर भगवान हनुमान के देशभर में कई मंदिर है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि राजस्थान में बजरंगबली के ऐसे कई अनोखे मंदिर है, जिनकी कहानी बड़ी चमत्कारी है। जानिए इनके बारे में।

Sanjay Chaturvedi | Updated : Apr 08 2023, 03:29 PM
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सबसे पहले बात जयपुर के पास सामोद बालाजी की
Image Credit : google

सबसे पहले बात जयपुर के पास सामोद बालाजी की

जयपुर के निकट सामोद बालाजी का मंदिर एक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। इस मंदिर में जाने के लिए श्रद्धालु को करीब एक हजार से ज्यादा सीढ़ियां चढ़ने पड़ती है। यह मंदिर करीब 700 साल पहले बना हुआ है। भले ही इस मंदिर में ऊंचाई ज्यादा क्यों ना हो लेकिन इसके बावजूद भी भक्त यहां सवामणी जैसे आयोजन भी करते हैं। इसके अलावा यहां सरकार ने वह भी लगाया हुआ है हालांकि वर्तमान में वह बंद पड़ा है।

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पहाड़ी में स्थित खोले वाले हनुमान जी
Image Credit : Asianet News

पहाड़ी में स्थित खोले वाले हनुमान जी

अब बात पहाड़ी पर बने खोले के हनुमान की। यह मंदिर भी राजधानी जयपुर में बना हुआ है। जो दिल्ली जाने वाले रास्ते पर पहाड़ी की एक खोल में है। पंडित बीएम शर्मा बताते हैं कि रामायण काल के जब भगवान हनुमान संजीवनी बूटी ला रहे थे। उसी का चित्र संत निर्मल दास ने यहां पहाड़ी पर गिरा हुआ है। मंदिर में रोज हजारों श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं। भगवान की यही वो रूप है जो साक्षात पहाड़ चीर के निकले है।

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 प्रसिद्ध मेहंदीपुर बालाजी मंदिर
Image Credit : Asianet News

प्रसिद्ध मेहंदीपुर बालाजी मंदिर

अब बात राजस्थान ही नहीं बल्कि देश दुनिया में प्रसिद्ध मेहंदीपुर बालाजी की। यह मंदिर करीब 1000 साल पुराना है। जो राजस्थान के दौसा जिले में है। इस मंदिर के वीडियो आपने कई बार देखे होंगे जहां लोगों में भूत प्रेत आने के बाद उन्हें मंदिर में लाया जाता है वह यह मंदिर है। इस मंदिर की कहानी यह है कि महंत किशोरी मान के महाराज को बालाजी ने स्वयं दर्शन दिए। इसके बाद महंत ने गांव की पंडितों को बुलाया और पूरी घटना के बारे में बताया तो उसी दिन से गांव में मंदिर का निर्माण करवा दिया गया। यहां भगवान बालाजी का स्वरुप उनकी बाल्यावस्था में दिखाई देता है। इसके अलावा महंत किशोरी को ही भैरव बाबा और प्रेतराज भी दिखे उसी दिन से मंदिर में भूत प्रेत की छाया आने के बाद लोगों का इलाज किया जाता है।

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चांदी की टकसाल में विराजमान काले हनुमान जी
Image Credit : Asianet News

चांदी की टकसाल में विराजमान काले हनुमान जी

अभी तक आपने जहां भी देखें होंगे हनुमान जी को सिंदूरी रंग का चोला ओढ़े हुए देखा होगा, लेकिन राजस्थान के जयपुर शहर में ही स्थित चांदी की टकसाल स्थित काले हनुमान जी में काले रंग विराजमान है। इस मंदिर के बारे में कथा प्रचलित है कि शिक्षा पूरी होने के बाद गुरू दक्षिणा में सूर्य द्वारा अपने पुत्र को उनके सामने लाने की बात कही। जिसको पूरा करने के चलते हनुमान जी के ऊपर शनि की वकृ दृष्टि पड़ी जिसके चलते उनका रंग काला पड़ गया। हालांकि वे शनिदेव को सूर्य के पास लेजाकर अपनी गुरू दक्षिणा पूरी की। तभी से यहां काले हनुमान जी की पूजा होने लगी।

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अलवर स्थित पान्डुपोल हनुमान मंदिर
Image Credit : Asianet News

अलवर स्थित पान्डुपोल हनुमान मंदिर

राजस्थान के अलवर जिले में भगवान हनुमान का एक ऐसा मंदिर है जहां भगवान हनुमान लेटे हुए हैं। मान्यता है कि महाभारत काल के दौरान जब पांडव अज्ञातवास में थे तो वह अलवर से 60 किलोमीटर दूर सरिस्का की तरह पाए थे। यहां उन्हें आगे का रास्ता नहीं मिला तो उन्होंने पहाड़ तोड़ने की सोची। भीम ने अपने गदा से पहाड़ तोड़ दिया तो उसे घमंड होने लगा इसके बाद भगवान हनुमान एक बंदर के भेष में आए लेकिन भीम उनकी पुंछ तक को भी नहीं दिला सका। मान्यता है कि इस मंदिर में उसी दिन से भगवान हनुमान की प्रतिमा लेटे हुए हैं।

इसे भी पढ़े- दाढ़ी-मूंछ वाले हनुमानजी के दर्शन कीजिए, जहां 300 साल से जल रही चमत्कारिक ज्योति, देश का ऐसा पहला मंदिर

Sanjay Chaturvedi
About the Author
Sanjay Chaturvedi
मैने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से M.Com किया है। इसके साथ ही माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय (MCU) से PGDCA का कोर्स किया है। इसके बाद द सूत्र, नेशन मिरर व अग्निबाण न्यूज में मे फ्री लांसर वर्क करने का 1 साल का अनुभव है। Read More...
हनुमान जयंती
 
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