सार

Jaipur News : जयपुर में एक दूल्हे ने शादी में 21 लाख रुपये और दहेज का सामान लेने से इनकार कर दिया। इंस्पेक्टर के बेटे गौरव ने सिर्फ रुपया-नारियल लेकर ससुर का आशीर्वाद लिया, जिससे सभी भावुक हो गए।

जयपुर. राजस्थान में शादियों की भव्यता और परंपराओं की अपनी अलग पहचान है, जहां दूल्हा-दु्ल्हन अपनी शान-शौकत में लाखों रुपए पानी तकह बहा देते हैं। लेकिन वहीं कुछ परिवार सामाजिक बदलाव की मिसाल भी पेश कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला जयपुर में सामने आया, जहां एक दूल्हे ने अपने ससुराल से मिलने वाले लाखों रुपये और दहेज का सामान लेने से इनकार कर दिया। इस फैसले से न केवल परिवार बल्कि समाज में भी एक सकारात्मक संदेश गया।

जयपुर के इंस्पेक्टर के बेटे की है शादी

दरअसल, जयपुर के जामडोली थाने में पदस्थ इंस्पेक्टर सतीश भारद्वाज के बेटे गौरव शर्मा की शादी आगामी 3 मार्च को होनी है। हाल ही में उनका लगन-सगाई समारोह आगरा रोड स्थित एक गार्डन में आयोजित किया गया। समारोह के दौरान दुल्हन पक्ष ने परंपरा के अनुसार टीके में सोना, चांदी और 21 लाख रुपये नकद देने की पेशकश की। लेकिन दूल्हे गौरव और उनके पिता सतीश भारद्वाज ने आपसी सहमति से यह पूरा धन और अन्य दहेज सामग्री वापस कर दी। 

दूल्हे गौरव ने दिखाई करोड़ों की दरियादिली

गौरव ने केवल रुपया-नारियल लेकर अपने ससुर का आशीर्वाद लिया, जिससे वहां मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गईं। दूल्हे ने जो दरियादिली दिखाई है वह करोड़ों की कीमत से कहीं ज्यादा है। जिसका पैसे से कोई मोल नहीं है। दूल्हे के इस कदम की पूरे समाज में सराहना हो रही है। शादी समारोह में मौजूद रिश्तेदारों और मेहमानों ने कहा कि गौरव ने एक उदाहरण पेश किया है, जिससे दहेज प्रथा के खिलाफ एक मजबूत संदेश जाएगा। आज भी समाज में दहेज लेना और देना एक आम प्रथा मानी जाती है, लेकिन इस तरह की पहल से बदलाव की उम्मीद की जा सकती है। 

राजस्थान में पहले भी आ चुके हैं ऐसे मामले

यह पहला मामला नहीं है जब राजस्थान में किसी दूल्हे ने दहेज ठुकराकर समाज को नई दिशा देने की कोशिश की हो। इससे पहले भी कई युवाओं ने दहेज को अस्वीकार कर दुल्हन को ही सबसे बड़ा धन माना है। ऐसे उदाहरण यह दर्शाते हैं कि समाज में अब सकारात्मक परिवर्तन आ रहा है और युवा पीढ़ी पारंपरिक रूढ़ियों से बाहर निकलकर नए विचारों को अपनाने के लिए तैयार है।

प्यार-सम्मान और विश्वास की नहीं कोई कीमत

गौरव शर्मा का यह कदम निश्चित रूप से उन परिवारों के लिए प्रेरणा बनेगा, जो दहेज को अनिवार्यता मानते हैं। यह घटना यह भी साबित करती है कि रिश्तों में प्यार, सम्मान और आपसी विश्वास ज्यादा मायने रखता है, न कि धन-दौलत।