सार

Happy Mothers Day 2025 : मदर्स डे के मौके पर राजस्थान के बाड़मेर के रमेश की कहानी भावुक कर देती है। जो कि 59वीं बार फेल हुआ, लेकिन मां ने हिम्मत दी तो वह 60वीं बार में RAS परीक्षा पास करके तहसीलदार बन गया।

बाड़मेर. Happy Mothers Day 2025 : आज बलिदान-त्याग और प्यार की मूर्ति कहे जानी मां के लिए विशेष दिन, यानि मदर्स डे है। मां के कई रूप होते हैं, मां सबसे पहले अपने बच्चे के लिए एक टीचर भी होती हैं जो सही गलत की शिक्षा देती हैं। कुछ ऐसी ही कहानी है राजस्थान के बाड़मेर जिले के छोटे से गांव रबासर से ताल्लुक रखने वाले रमेश सिंह राजपुरोहित की। जो कई सालों से सरकारी नौकरी करने के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे। यहां तक कि वह छह साल की तैयारी के दौरान 59 बार विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में फेल भी हो गए। लेकिन जब मां ने बेटे की  हिम्मत बंधाई तो बेटे ने 60वीं बार में एग्जाम पास करते हुए बड़ा अफसर बन गया।

मदर्स डे के मौके पर रमेश की कहानी भावुक कर देगी

यह सक्सेस स्टोरी रमेश सिंह की है, जिन्होंने RAS-2018 परीक्षा में पास होकर राजस्थान तहसीलदार सेवा (RTS) में 197वीं रैंक के साथ चयनित हुए हैं। रमेश बताते हैं कि जब वे बार-बार असफल होते गए, तो एक समय ऐसा आया जब खुद पर शक होने लगा। लेकिन हर बार उनकी मां सुशीला देवी उन्हें यही कहतीं—"बेटा हार मत मानना, एक दिन जरूर सफलता मिलेगी।" एक स्कूल शिक्षक पिता हाल सिंह राजपुरोहित और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मां की इस प्रेरणा ने रमेश को बार-बार गिरने के बाद भी उठने का हौसला दिया। जब वे 60वीं परीक्षा में सफल होकर मां के पास पहुंचे, तो मां-बेटे दोनों की आंखें नम थीं—आंखों में संतोष, गर्व और संघर्ष की चमक थी।

मदर्स डे पर एक सच्ची प्रेरणा की कहानी

यह कहानी सिर्फ रमेश की नहीं, हर उस मां की है जो अपने बच्चों का सपना पूरा करने के लिए उनके साथ दिन-रात संघर्ष करती है। रमेश की मेहनत और मां की ममता की यह मिसाल आज सोशल मीडिया पर फिर वायरल हो रही है—मदर्स डे पर एक सच्ची प्रेरणा।