IAS Farah Hussain success story: राजस्थान की फराह हुसैन ने बिना कोचिंग के UPSC परीक्षा पास कर 26 साल की उम्र में IAS बनकर एक मिसाल कायम की। उन्होंने सामाजिक रूढ़ियों को तोड़ते हुए दिखाया कि मेहनत और लगन से सब कुछ मुमकिन है।
UPSC success story without coaching: राजस्थान के झुंझुनूं जिले की फराह हुसैन ने अपने जुनून और मेहनत से वो मुकाम हासिल किया है, जिसकी चाह हर UPSC अभ्यर्थी रखता है। बिना किसी कोचिंग के, सिर्फ आत्मविश्वास और लगन के बल पर फराह ने 2016 में UPSC परीक्षा पास की और 267वीं रैंक के साथ IAS बनीं। महज 26 साल की उम्र में उन्होंने इस सफर को पूरा कर दिखाया।
मुस्लिम समाज की रूढ़ियों को तोड़ा, फराह ने बदल दी सोच
मुस्लिम समाज में लड़कियों की पढ़ाई को लेकर बनी रूढ़िवादी सोच को चुनौती देते हुए फराह ने ये साबित किया कि अगर परिवार का साथ हो और खुद पर भरोसा हो, तो कोई भी लड़की किसी भी ऊंचाई को छू सकती है। जहां समाज कम उम्र में शादी की अपेक्षा करता है, वहीं फराह ने शिक्षा और देशसेवा को अपनी प्राथमिकता बनाया।
कानून की पढ़ाई से शुरू हुआ था सफर, लेकिन दिल में था देशसेवा का सपना
फराह ने बॉम्बे के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से कानून की पढ़ाई की और क्रिमिनल लॉयर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। लेकिन उनका मन प्रशासनिक सेवा की ओर खिंचता रहा। उन्होंने बिना कोचिंग की मदद के UPSC की तैयारी की और दूसरी बार में सफलता हासिल कर ली।
परिवार की प्रेरणा बनी ताकत, मिली हौसले की उड़ान
फराह का परिवार खुद भी बेहद प्रेरणादायक है। उनके पिता अशफाक हुसैन एक जिले के कलेक्टर रह चुके हैं, वहीं भाई हाईकोर्ट में वकील हैं। परिवार के कई सदस्य प्रशासनिक सेवाओं में कार्यरत हैं, जिससे फराह को लगातार प्रेरणा और समर्थन मिलता रहा।
"सपना देखिए, लक्ष्य तय कीजिए और ईमानदारी से जुट जाइए" - फराह हुसैन
फराह मानती हैं कि संसाधनों की कमी कभी भी सफलता की राह में बाधा नहीं बन सकती, यदि लक्ष्य स्पष्ट हो और मेहनत में ईमानदारी हो। उनका यह संदेश लाखों युवा लड़के-लड़कियों के लिए प्रेरणा बन चुका है, खासकर उन बेटियों के लिए जो पारिवारिक या सामाजिक दबावों से जूझ रही हैं।
फराह की सफलता एक संदेश है,हिम्मत और मेहनत से हर दरवाज़ा खुल सकता है
आज फराह हुसैन सिर्फ एक IAS अधिकारी नहीं, बल्कि उन लाखों बेटियों की उम्मीद बन चुकी हैं जो सीमित संसाधनों में भी कुछ बड़ा करने का सपना देखती हैं। उनकी सफलता यह बताती है कि राह चाहे जितनी कठिन हो, संकल्प और समर्थन से हर मंज़िल पाई जा सकती है।
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