सार
Fake degree scam in JS University : राजस्थान की एसओजी टीम ने दिल्ली एयरपोर्ट से जेएस यूनिवर्सिटी के चांसलर, रजिस्ट्रार और एक दलाल को गिरफ्तार किया है। जिन्होंने फर्जी डिग्री घोटाला किया है। चांसलर 100 करोड़ कमाकर विदेश भागने वाला था।
जयपुर. उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले (Firozabad district) के शिकोहाबाद (Shikohabad) स्थित जेएस यूनिवर्सिटी में फर्जी डिग्री घोटाले (Fake degree scam in JS University) का पर्दाफाश हुआ है। राजस्थान एसओजी (Special Operations Group) ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए विश्वविद्यालय के चांसलर, रजिस्ट्रार University Chancellor and Registrar )और एक दलाल को गिरफ्तार किया है। यह विश्वविद्यालय पैसों के बदले बैक डेट में डिग्रियां जारी करने के लिए कुख्यात था, जिससे कई अयोग्य उम्मीदवार सरकारी नौकरियों में भर्ती (recruitment in government jobs) हो रहे थे। बताया जाता है कि फर्जी डिग्रियां बेचकर इन लोगों ने करीब 100 करोड रुपए कमाए हैं।
शारीरिक शिक्षक भर्ती परीक्षा-2022 में किया बड़ा घोटाला
जयपुर. फर्जी डिग्री के जरिए पीटीआई भर्ती में बड़ा घोटाला शारीरिक शिक्षक भर्ती परीक्षा-2022 (Physical Teacher Recruitment Exam-2022 ) की जांच के दौरान एसओजी को बड़ी अनियमितताओं के सबूत मिले। एसओजी के एडीजी वीके सिंह ने बताया कि इस परीक्षा में बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने जेएस यूनिवर्सिटी की डिग्रियों का इस्तेमाल किया, जबकि वे कभी वहां पढ़े ही नहीं थे। इस घोटाले में यूनिवर्सिटी के चांसलर सुकेश कुमार, रजिस्ट्रार नंदन मिश्रा और जयपुर के दलाल अजय भारद्वाज की अहम भूमिका रही।
दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार चांसलर विदेश भागने वाला था
विदेश भागने की फिराक में था चांसलर, एयरपोर्ट से दबोचा गया सूत्रों के अनुसार, चांसलर सुकेश कुमार को जब एसओजी की कार्रवाई का अंदेशा हुआ, तो उसने विदेश भागने की कोशिश की। हालांकि, दिल्ली एयरपोर्ट पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। जांच में पता चला है कि यह गिरोह लाखों रुपये लेकर बैक डेट में बीपीएड समेत अन्य कोर्स की फर्जी डिग्रियां जारी कर रहा था।
ओपीजेएस यूनिवर्सिटी से दिलवाईं हजारों फर्जी डिग्रियां
फर्जी डिग्री नेटवर्क में कई अन्य विश्वविद्यालय भी शामिल इस मामले की गहराई से जांच करने पर एसओजी को पता चला कि इस गिरोह का नेटवर्क सिर्फ जेएस यूनिवर्सिटी तक सीमित नहीं था। दलाल अजय भारद्वाज पहले भी ओपीजेएस यूनिवर्सिटी (OPJS University) से हजारों फर्जी डिग्रियां दिलवा चुका है। इसके अलावा, वह एकलव्य ट्राइबल यूनिवर्सिटी डूंगरपुर (Eklavya Tribal University Dungarpur) और अनंत इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी मेघालय (Ananta International University Meghalaya) जैसे नए विश्वविद्यालय खोलने की तैयारी में था। फर्जी डिग्रियां बेचकर इन लोगों ने करीब 100 करोड रुपए कमाए हैं, इसकी जांच शुरू कर दी गई है।
खतरे में निजी विश्वविद्यालयों से पढ़ाई करना?
एसओजी की जांच जारी, कई और गिरफ्तारियां संभव एसओजी अब उन सभी अभ्यर्थियों की जांच कर रही है, जिन्होंने फर्जी डिग्री का इस्तेमाल कर सरकारी नौकरियां हासिल की हैं। जल्द ही इस मामले में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। इस घोटाले ने एक बार फिर शिक्षा व्यवस्था में निजी विश्वविद्यालयों की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं।