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पूजा एक चिंगारी और बुझ गई सियासत की मशाल- नहीं रहीं डा. गिरिजा व्यास, जानें क्या हुआ था?
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता गिरिजा व्यास की मौत ने चौंकाया—गणगौर पूजा के दौरान कपड़ों में अचानक लगी आग, 90% जलने के बाद तोड़ा दम। जानें इस दुखद घटना की पूरी कहानी।
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कांग्रेस की दिग्गज नेता नहीं रहीं
पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. गिरिजा व्यास का 78 वर्ष की उम्र में अहमदाबाद के अस्पताल में निधन हो गया। वे बीते कुछ दिनों से गंभीर रूप से जलने के कारण आईसीयू में भर्ती थीं। राजस्थान कांग्रेस में उनके निधन की खबर से गहरा शोक फैल गया है। पार्टी के बड़े नेताओं ने इसे अपूरणीय क्षति बताया है।
पूजा बनी हादसा – परिधान में लगी थी आग
31 मार्च को गणगौर पूजा के दौरान गिरिजा व्यास के परिधान में अचानक आग लग गई थी। हादसा उनके उदयपुर स्थित आवास पर हुआ। इस आग में वे 90 फीसदी से ज्यादा जल गई थीं। डॉक्टरों ने काफी प्रयास किए, लेकिन उनकी हालत लगातार बिगड़ती चली गई और अंततः निधन हो गया।
अंतिम दर्शन और अंतिम संस्कार
कांग्रेस प्रवक्ता पंकज शर्मा के अनुसार, गिरिजा व्यास का पार्थिव शरीर गुरुवार रात उदयपुर लाया गया। शुक्रवार सुबह 10 से 12 बजे तक देवतामगरी स्थित उनके निवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। इसके बाद शाम 4 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
शिक्षा, राजनीति और समाज सेवा की मिसाल
डॉ. गिरिजा व्यास ने राजनीति से पहले दर्शनशास्त्र में पीएचडी की और प्रोफेसर रहीं। वे राजस्थान कांग्रेस की अध्यक्ष, महिला आयोग की चेयरपर्सन और केंद्र में मंत्री भी रहीं। उन्होंने महिला कल्याण और सामाजिक सुधार के लिए कई योजनाएं लागू कीं और अपनी पहचान एक सशक्त नेता के रूप में बनाई।
राजीव गांधी की करीबी, राजनीतिक सफर मजबूत
व्यास को राजीव गांधी की नज़दीकी नेताओं में गिना जाता था। उन्होंने कई बार संसद में कांग्रेस का नेतृत्व किया और 2018 में उदयपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। हालाँकि उस चुनाव में उन्हें हार मिली, लेकिन जनता के बीच उनका सम्मान हमेशा बरकरार रहा।
विभिन्न राजनैतिक नेताओं ने जताया शोक
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत कई कांग्रेस नेताओं ने व्यास के निधन पर गहरा शोक जताया। गहलोत ने कहा, “डॉ. गिरिजा व्यास का निधन शिक्षा, राजनीति और समाज सेवा के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति है।”
महिला अधिकार और सामाजिक न्याय के लिए की थी पहल
डॉ. व्यास न केवल केंद्र में मंत्री रह चुकी थीं, बल्कि राजस्थान प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष और राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रमुख जैसे अहम पदों पर भी कार्य कर चुकी थीं। उन्होंने महिला अधिकार और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर कई ठोस पहल की थीं।
एक युग का अंत – राजस्थान की राजनीति में शून्य
नाथद्वारा में जन्मी गिरिजा व्यास के पिता स्वतंत्रता सेनानी थे। उनकी विचारधारा, व्यक्तित्व और नेतृत्व क्षमता ने राजस्थान की राजनीति को दशकों तक दिशा दी। उनके निधन से एक युग का अंत हो गया है। कांग्रेस पार्टी सहित देशभर में उनकी स्मृतियों को श्रद्धांजलि दी जा रही है।