सार
जयपुर. डीडवाना-कुचामन जिले में वफादारी का एक अनोखा मामला सामने आया, जिसने यह साबित कर दिया कि कुत्ते को यूं ही इंसान का सबसे वफादार साथी नहीं कहा जाता। मकराना थाना क्षेत्र के बुड़सू कस्बे में एक भटकते हुए श्वान ने अपनी समझदारी और समर्पण से अपने मालिक के बिछड़े पशुओं को सुरक्षित रखा और उन्हें सही सलामत वापस पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई।
जिसका कोई सुराग नहीं, वो तलाश लाया कुत्ता
करीब 7 दिन पहले रूपनगढ़ के झाग भिलावट गांव के निवासी सहदेव गुर्जर, जेठूराम बावरी, हीराराम गुर्जर और धन्नाराम गुर्जर की आठ भैंसें, दो गायें और एक श्वान नाड़ी में चरते समय अचानक गायब हो गए। जब शाम तक ये पशु वापस नहीं लौटे, तो मालिकों ने आसपास के इलाकों में खोजबीन शुरू की, लेकिन उनका कोई सुराग नहीं मिला।
कुत्ते का फेवरेट खाना खिलाकर उसका स्वागत किया
कुछ दिन बाद ये सभी पशु बुड़सू गांव में दिखाई दिए। खास बात यह थी कि उनके साथ वही कुत्ता भी था, जो पूरे समय उनकी निगरानी करता रहा। इस दौरान उसने पशुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की और किसी अजनबी को उनके पास नहीं आने दिया। श्वान की इस वफादारी ने ग्रामीणों और पुलिसकर्मियों को बेहद प्रभावित किया। कुत्ते का फेवरेट खाना खिलाकर उसका स्वागत किया गया।
पुलिस ने पहचान कर सौप दिए पशु
बुड़सू के सरपंच महावीर कूकना और बीट प्रभारी प्रकाश खींचड़ को पशुओं के बारे में सूचना दी गई। पशुओं को एक बाड़े में सुरक्षित रखा गया और उनके खाने-पीने का इंतजाम किया गया। इसके बाद बीट प्रभारी ने सोशल मीडिया पर इन पशुओं की जानकारी साझा की। जल्द ही पशुओं के मालिकों को इस सूचना के जरिए अपने पशुधन का पता चल गया। शनिवार को वे बुड़सू पहुंचे और पुलिस ने पहचान की प्रक्रिया पूरी कर उन्हें आज पशु सौंप दिए।
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श्वान की वफादारी का अद्भुत उदाहरण पेश किया
इस घटना ने पालतू कुत्ते की वफादारी और ग्रामीणों की एकजुटता का संदेश दिया। पशुपालकों ने इस मदद के लिए पुलिस, सरपंच और सभी ग्रामीणों का आभार व्यक्त किया। यह घटना एक बार फिर से श्वान की अटूट वफादारी का जीवंत उदाहरण बन गई।