सार

chocolate day 2025 special story : बीकानेर में ऊंटनी के दूध से बनी शुगर-फ्री चॉकलेट तैयार! डायबिटीज के मरीज भी ले सकेंगे स्वाद। जल्द ही बाजार में होगी उपलब्ध।

बीकानेर (राजस्थान). देश-दुनिया में प्यार करने वाले कपल आज चॉकलेट डे को सेलिब्रेट कर रहे हैं। जहां प्रेमी जोड़े एक दूसरे को चॉकलेट देकर प्यार का इजहार करते हैं। इसी बीच जानिए एक ऐसी खास चॉकलेट के बारे में जो गाय-भैंस के दूध से नहीं, ना ही मिल्क पाउडर से बनती है, बल्कि इसे ऊंटनी के दूध से तैयार किया जाता है। जिसकी डिमांड दुबई तक है। अच्छी बात यह है कि इसको डायबिटीज के मरीज भी खा सकते हैं।

औषधीय गुणों से भी भरपूर होती है यह चॉकलेट

 बीकानेर स्थित राष्ट्रीय ऊष्ट्र अनुसंधान केंद्र (National Research Centre on Camel) ने ऊंटनी के दूध से बनी एक अनोखी चॉकलेट तैयार की है, जो स्वादिष्ट होने के साथ-साथ औषधीय गुणों से भी भरपूर होगी। खास बात यह है कि यह चॉकलेट मधुमेह रोगियों के लिए भी सुरक्षित होगी, क्योंकि इसमें शुगर-फ्री कंटेंट का उपयोग किया गया है। आने वाले छह महीनों में यह चॉकलेट बाजार में उपलब्ध होगी।

कैमल मिल्क चॉकलेट की खासियत

ऊंटनी का दूध (Camel Milk) अपने औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। यह न सिर्फ डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में भी काम करता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस चॉकलेट में कोकोवा पाउडर, ऊंटनी का दूध और प्राकृतिक स्वीटनर मिलाया गया है, जिससे यह सभी के लिए सुरक्षित और स्वास्थ्यवर्धक होगी।

कैसे बनाई जा रही है यह चॉकलेट?

  • अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार, चॉकलेट बनाने की प्रक्रिया में इस बात का खास ध्यान रखा जा रहा है कि ऊंटनी के दूध के औषधीय गुण बरकरार रहें। इसके लिए: कोकोवा पाउडर को एक निर्धारित तापमान पर गर्म किया जाएगा।
  • इसे ठंडा करने के बाद कैमल मिल्क मिलाया जाएगा ताकि दूध की प्राकृतिक गुणवत्ता बनी रहे।
  • इसमें शुगर-फ्री स्वीटनर मिलाया जा रहा है, जिससे डायबिटीज मरीज भी इसे खा सकें।

कीमत और बाजार में उपलब्धता

राष्ट्रीय ऊष्ट्र अनुसंधान केंद्र को "कैमकैट" (Camcat) मार्क की स्वीकृति भी मिल चुकी है। इस चॉकलेट की कीमत करीब 150 रुपये प्रति यूनिट रखी जाने की योजना है। अनुसंधान को अंतिम रूप देने के बाद अगले छह महीनों में इसे बाजार में उतारा जाएगा।

डायबिटीज मरीजों के लिए वरदान है यह चॉकलेट

बाजार में उपलब्ध अधिकांश चॉकलेट में अधिक मात्रा में चीनी होती है, जिससे मधुमेह रोगी इसे नहीं खा सकते। लेकिन यह ऊंटनी के दूध से बनी चॉकलेट स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होगी और मधुमेह रोगी भी इसका स्वाद ले सकेंगे। यह न केवल एक नया हेल्दी ऑप्शन होगा, बल्कि भारतीय बाजार में स्वास्थ्य के प्रति जागरूक उपभोक्ताओं के लिए भी एक बेहतरीन विकल्प बनेगा।

भारत में ऊंटनी के दूध के बढ़ते प्रयोग

भारत में ऊंटनी के दूध का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। यह डायबिटीज, ऑटिज्म और इम्यूनिटी सुधारने में मददगार माना जाता है। बीकानेर के वैज्ञानिकों द्वारा की गई यह खोज स्वास्थ्य और स्वाद दोनों को ध्यान में रखकर की गई है, जिससे यह चॉकलेट बाजार में एक नई पहचान बना सकती है।

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